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अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से हटे जिंदल

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस पहुंचने का ख्वाब संजोए राष्ट्रपति पद का रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की कोशिश करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी एवं लुइसियाना प्रांत के गवर्नर बॉबी जिंदल व्हाइट हाउस की दौड़ से हट गये हैं क्योंकि उम्मीदवारों की लोकप्रियता की सूची में वह निचले पायदान पर पहुंच गए थे. इस दौड़ से बाहर […]

वाशिंगटन : व्हाइट हाउस पहुंचने का ख्वाब संजोए राष्ट्रपति पद का रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की कोशिश करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी एवं लुइसियाना प्रांत के गवर्नर बॉबी जिंदल व्हाइट हाउस की दौड़ से हट गये हैं क्योंकि उम्मीदवारों की लोकप्रियता की सूची में वह निचले पायदान पर पहुंच गए थे. इस दौड़ से बाहर होने के बाद उन्होंने कहा कि ‘‘यह मेरा समय नहीं है.”

जिंदल (44) ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से बाहर होने के बाद समाचार चैनल फॉक्स न्यूज से कहा, ‘‘हमने विस्तृत नीतिगत कागजात तैयार करने में बहुत समय खर्च किया और इस अप्रत्याशित चुनावी माहौल को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यहां बहुत अधिक दिलचस्पी नहीं थी.”

अमेरिकी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर देने वाले अपने बयान में उन्होंने कहा , ‘‘यह मेरा समय नहीं है इसलिए मैं राष्ट्रपति पद के लिए अभियान रोक रहा हूं.” उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता नहीं सकता कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए अभियान चलाना कितने सम्मान की बात है. मेरे अभिभावक आजादी और मौके की तलाश में 45 साल पहले इस देश में आए थे.” कभी जिंदल को रिपब्लिकन पार्टी में उदयीमान सितारा माना गया था और व्हाइट हाउस के लिए उन्हें प्रमुख दावेदार के रुप में देखा जा रहा था.

राष्ट्रपति बराक ओबामा के पहले कार्यक्रम में जिंदल बड़ी तेजी से सार्वजनिक पटल पर उठे थे और साल 2009 के स्टेट ऑफ यूनियन के संबोधन में उनको प्रमुख स्थान प्रदान किया गया था, लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं था.

जिंदल बीते 10 नवंबर को प्राइम टाइम रिपब्लिकन बहस के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थे. लुइसियाना के गवर्नर ने कहा कि उनका मानना है कि रिपब्लिकन को प्रगति की पार्टी बनना होगा और पार्टी में कभी इसे रोका नहीं जा सकता जो कि अवसर में यकीन रखती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम ईर्ष्या और बंटवारे की वामपंथी सोच नहीं रख सकते. हम एक पार्टी हैं जो कहती है कि इस देश में हर कोई सफल हो सकता है चाहे कोई कहीं भी जन्मा हो या उसके अभिभावक कोई भी हों.”

जिंदल ने कहा, ‘‘कुछ साल पहले शुरु किये गए थिंकटैंक के काम पर लौटकर एक चीज जो मैं करुंगा वह यह कि इस अमेरिकी सदी का खाका बनाउंगा.” उन्होंने कहा, ‘‘हमें दिखाना होगा कि हमारी अर्थव्यवस्था आगे बढेगी और खासकर इस्लामी कट्टरपंथ का खात्मा कर आतंक के खिलाफ लडाई जीतनी है.” जिंदल को अक्सर एक प्रतिशत से कम मत मिले और कहा जाता है कि उनके अभियान पर वित्तीय दबाव भी बना रहा.

जिंदल के उस बयान के कारण भारतीय-अमेरिकियों के बीच भी उनके अभियान को लेकर उत्साह पैदा नहीं हो पाया, जिसमें उन्होंने भारतवंशी की पहचान से खुद को अलग रखने की कोशिश की. जिंदल 2016 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड से बाहर होने वाले तीसरे रिपब्लिकन हैं. इससे पहले टेक्सास के गवर्नर रिक पेरी और विस्कोंसिन के गवर्नर स्कॉट वाकर अपनी दावेदारी वापस ले चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह भी अहसास है कि देश अभी गलत रास्ते पर है. हर कोई जानता है लेकिन भूला नहीं है कि दुनिया में यह अब भी एक महान देश है और हममें से हर किसी को उपरवाले का शुक्रिया अदा करना चाहिए. हमारा सौभाग्य है कि हम अमेरिकी नागरिक हैं.” जिंदल के दौड से हटने के बाद नामांकन की दौड में अब रिपब्लिकन के 14 दावेदार हैं जिसमें रियल एस्टेट कारोबारी और अग्रणी दावेदार डोनाल्ड ट्रंप , सेवानिवृत्त न्यूरोसर्जन बेन कारसन, सीनेटर मार्को रुबियो और फ्लोरिडा के पूर्व गवर्नर जेब बुश का नाम है.

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