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बिना स्वार्थ के लोगों की मदद करें
दक्षा वैदकर फेसबुक पर किसी ने एक शॉर्ट फिल्म डाली है. इसमें दिखाते हैं कि एक बुजुर्ग महिला लगभग 6-7 साल के अपने पोते और पोती को लेकर स्टोर में सामान खरीदने आती है. सभी घर का कुछ-कुछ जरूरी सामान उठा कर बास्केट में डालते जाते हैं. वहीं पोती केक सेक्शन में जाती है और […]
दक्षा वैदकर
फेसबुक पर किसी ने एक शॉर्ट फिल्म डाली है. इसमें दिखाते हैं कि एक बुजुर्ग महिला लगभग 6-7 साल के अपने पोते और पोती को लेकर स्टोर में सामान खरीदने आती है. सभी घर का कुछ-कुछ जरूरी सामान उठा कर बास्केट में डालते जाते हैं. वहीं पोती केक सेक्शन में जाती है और सेल्समैन को शो केस से केक निकाल कर देने को कहती है. वह निकाल कर दे देता है.
तीनों सामान ले कर बिलिंग काउंटर पर पहुंचते हैं, लेकिन सामान बजट से बाहर चला जाता है. बुजुर्ग महिला केक को लिस्ट में हटाने को कहती है.
पोती उदास हो कर कहती है कि मुझे यह केक चाहिए, लेकिन उसकी दादी उसे समझाती है. वे बाकी सामान के पैसे चुका कर बाहर निकल जाते हैं. यह सब वह सेल्समैन देख रहा होता है. वह उस केक का पैसा चुकाता है और बाहर आ कर उस बच्ची को देता है. दादी कहती है कि मैं ये केक नहीं ले सकती. तुमसे केक लेने का कोई कारण ही नहीं है मेरे पास. तब सेल्समैन बताता है कि जब मैं सात साल का था, मैं भी एक दिन स्टोर में केक के लिए रो रहा था.
उस दिन मेरा बर्थडे था. मां के पास पैसे नहीं थे. यह सब एक अंकल ने देखा और उन्होंने मुझे केक खरीद कर दिया था. आज इस बच्ची को देख कर मुझे अपने बचपन की याद आ गयी. दादी कहती है कि आप मुझे अपना फोन नंबर इस कागज पर लिख कर दें, जब पैसे आयेंगे, तो मैं आपको लौटाऊंगी. सेल्समैन कागज में कुछ लिखता है और बच्ची के हाथ में दे कर चला जाता है. दादी अपने पोते-पोती के साथ घर आती है. वहां दादा जी होते हैं. उनका जन्मदिन होता है. वह केक देख कर कहते हैं कि इतने खर्च की क्या जरूरत थी.
दादी बताती है कि ये केक एक लड़के ने खरीद कर दिया. जब उससे नंबर मांगा, तो उसने कागज पर यह लिख कर दिया. दादा जी वह कागज खोलते हैं. इसमें लिखा होता है ‘किसी को की गयी एक छोटी-सी मदद अंतहीन लहर पैदा करती है’. यह वही लाइन थी, जो उन्होंने एक बच्चे को केक खरीद कर देने के बाद कागज में लिख कर दी थी. दरअसल वह दादा जी वही इनसान थे, जिन्होंने सेल्समैन को उसके बचपन में केक दिया था.
बात पते की..
– आप भी आज से ही लोगों की मदद और केयर करना शुरू करें और एक अंतहीन लहर पैदा करें. एक दिन यह लहर आपकी दोबारा छू जायेगी.
– जब आप बिना किसी स्वार्थ के किसी की मदद करते हैं, तो कहीं न कहीं आप पुण्य कमा रहे होते हैं. मदद को जारी रखें. लोगों को खुशियां दें.
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