सिंगापुर : विवादित दक्षिण चीन सागर में दोबारा दावा किये जाने को रोकने की अमेरिका की मांग को अस्वीकार करते हुए चीन ने आज संकेत दिया कि यदि इसकी समुद्री सुरक्षा को खतरा हुआ तो वह हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआइजेड) बना सकता है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के उप चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल सुन जियांगुओ ने कहा कि दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में एडीआइजेड का बनाया जाना हवाई या समुद्री सुरक्षा को किसी भी तरह के खतरे पर निर्भर करता है.
उन्होंने यहां शांगरीला वार्ता फोरम में क्षेत्रीय सुरक्षा के एक सवाल के जवाब में यह बात कही. जियांगुओ ने कहा कि यदि दक्षिण चीन सागर में अमेरिका या अन्य शक्तियों ने मजबूर किया तो चीन के पास एडीआइजेड बनाने का विकल्प है. गौरतलब है कि एडीआइजेड के तहत यात्री विमान सहित सभी आने वाले विमानों को द्वीपों के उपर से उडने के लिए चीनी अधिकारियों को सूचना देनी होगी.
चीन का पूर्वी चीन सागर में कुछ द्वीपों को लेकर जापान के साथ विवाद चल रहा है. इन द्वीपों के आसपास के जल क्षेत्र में चीन ने जापान, अमेरिका और अन्य बडी शक्तियों के विरोध को दरकिनार करते हुए एक एडीआइजेड बना लिया है. बीजिंग सेनकाकू दियाउ द्वीपों पर जापानी नियंत्रण का कडा विरोध कर रहा है और यह जवाबी नौसेना गश्त लगवा रहा है. दोनों देशों के लडाकू विमान अपने अपने दावों को लेकर अतीत में बेहद करीब तक पहुंच चुके हैं.
चीन ने दक्षिण चीन सागर में एडीआइजेड के अपने विकल्प को अब तक खुला रखा है यदि इसे क्रियान्वित किया जाता है तो पूर्वी एशिया में हंगामा होगा क्योंकि बीजिंग के दावे का वियतनाम, फिलिपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान कडा विरोध कर रहे हैं. एडीआइजेड के बारे में ये अटकलें जोरों पर है कि स्पार्टली द्वीपों के आसपास चीन 2,000 किलोमीटर लंबा ‘लैंड रिक्लमेशन प्रोजेक्ट’ विकसित कर रहा है जिसे उसने नान्शा नाम दिया है. हालांकि इस पर फिलिपीन भी दावा कर रहा है.
पिछले हफ्ते चीनी नौसेना ने एक अमेरिकी टोही विमान को इलाके से चले जाने की चेतावनी दी थी जब इसके जरिए सीएनएन के चालक दल के सदस्य चीन द्वारा बनाये जा रहे नये द्वीप की फिल्म बना रहे थे. इस विशाल नये द्वीप में एक बडी हवाईपट्टी भी शामिल है.