सैन्य कार्रवाइयों के लिए राष्ट्रों की सेनाओं के पास कुत्ते रहते हैं. ये कुत्ते विशेष प्रकार के होते हैं, जो बारूदी सुरंगों का और वहां होनेवाली हमले की गतिविधियों का पता लगाते हैं. लेकिन अब इस कड़ी में चूहों का नाम भी जुड़ गया है.
एक अरसे से दुनिया के कुछ देशों की सेनाएं सुरंगों का पता लगाने के लिए चूहों का इस्तेमाल कर रही हैं. बारूदी सुरंगों का पता लगा कर उसे नष्ट करने में ये चूहे बहुत सहायक सिद्ध हो रहे हैं. बेल्जियम का एनजीओ एपीओपीओ तंजानिया के मोरोगोरो में चूहों को बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण दे रहा है.
गौरतलब है कि कुत्तों की तुलना में चूहे बारूदी सुरंगों का तेजी से पता लगा लेते हैं, क्योंकि ये इतने हल्के होते हैं कि उनके वजन से इनमें विस्फोट की संभावना नहीं रह जाती है. अपने मिशन पर जाने से पहले चूहों को एक विशेष प्रकार की परीक्षा पास करनी होती है.
साथ ही सुरंगों का पता लगाने के लिए इसके अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भी खरा उतरना होता है. बस चूहों को सीखना होता है कि वे व्यवस्थित तरीके से एक इलाके की तलाशी कैसे लें. इसके लिए उन्हें एक तरह की लगाम से बांधा जाता है. सबसे पहले चूहों को धातु के बक्से में टीएनटी सूंघना सिखाया जाता है. खोजी अभियान के दौरान अगर चूहों को टीएनटी मिलता है तो वे जमीन कुरेदने लगते हैं.