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क्यों जरूरी है पैरेंट्स मीटिंग

प्राची खरे रितेश के स्कूल से जब भी पैरेंट्स मीटिंग का नोटिस आता है, शोभा का मूड खराब हो जाता है. उसे लगता है कि पैरेंट्स मीटिंग केवल उसके वीकेंड को खराब करने के लिए ही होती है. शोभा की तरह ऐसे कई अभिभावक हैं जिन्हें लगता है कि उनके बच्चे तो स्कूल में बहुत […]

प्राची खरे

रितेश के स्कूल से जब भी पैरेंट्स मीटिंग का नोटिस आता है, शोभा का मूड खराब हो जाता है. उसे लगता है कि पैरेंट्स मीटिंग केवल उसके वीकेंड को खराब करने के लिए ही होती है. शोभा की तरह ऐसे कई अभिभावक हैं जिन्हें लगता है कि उनके बच्चे तो स्कूल में बहुत अच्छा कर रहे हैं फिर उन्हें पैरेंट्स मीटिंग में जाने की क्या जरूरत, लेकिन सच्चाई स्कूल जाकर टीचर से मिलने पर ही पता चलती है. इसलिए आपको भी अपने बच्चे की प्रोग्रेस जानने के लिए उनके स्कूल में पेरैंट्स मीटिंग में जाना चाहिए. यह मीटिंग आपको बच्चे से जुड़ी कई अहम बातें जानने का मौका देती है.

1. बच्चे के रिपोर्ट कार्ड पर लाल निशान न होना इस बात का सबूत नहीं है कि आपका बच्च पढ़ाई में अव्वल है और उसे आपके ध्यान की बिल्कुल जरूरत नहीं है. अगर आपका बच्चा क्लास में अच्छा परफार्म कर रहा है तो भी आपको उसके टीचर से जरूर बात करनी चाहिए कि वह अपने काम में और सुधार कैसे ला सकता है. जाहिर है आपको यह जानने का मौका पैरेंट्स मीटिंग के जरिये ही मिल सकता है.

2. अगर बच्चा अच्छा परफार्म नहीं कर रहा होता है तो कई पैरेंट्स मीटिंग में इसलिए नहीं जाते कि उन्हें शर्मिदगी ङोलनी पड़ेगी. इस तरह के विचार आपके बच्चे पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. अगर स्कूल से बच्चे की कोई शिकायत आती है, तो उसे दूर करने का रास्ता जानने के लिए पैरेंट्स मीटिंग में जरूर शामिल हों.

3. बच्चे स्कूल में क्या गतिविधियां करते हैं, यह बात हर मां-बाप को पता होनी चाहिए. हो सकता है कि आपका बच्चा अपने टेस्ट पेपर पर आपके ही साइन कर लेता हो. बच्चों की इस तरह की गलतियों को जानने के लिए पैरेंट्स मीटिंग में टीचर से मिलना न भूलें.

4. क्या बच्चा क्लास में दूसरे बच्चों और टीचर से घुल-मिल कर बात करता है या फिर वह चुप-चुप किसी कोने में बैठा रहता है. इन सब जरूरी सवालों के जवाब आपको इसी पेरैंट्स मीटिंग में मिलेंगे.

5. इसके अलावा अगर आपको टीचर से कोई शिकायत है, तो भी आप उसे पैरेंट्स मीटिंग में सुलझा सकती हैं. अगर टीचर आपके बच्चे पर ठीक से ध्यान न देती हो या फिर कॉपी ठीक से चेक न करती हो तो पैरेंट्स मीटिंग में इस बारे में टीचर से बात कर सकती हैं.

6. पैरेंट्स मीटिंग में आपकी अपने बच्चे के दोस्तों के पैरेंट्स से भी मुलाकात हो जाती है. इससे आप उन पैरेंट्स से पैरेंटिंग के कुछ अनमोल सुझाव ले सकती हैं.

7. टाइम न होने का बहाना बनाना आज से ही छोड़ दें. इससे आप न केवल खुद को धोखा दे रही हैं, बल्कि अपने बच्चे के भविष्य से भी खिलवाड़ कर रही हैं. आपके पास समय न हो तो आप बच्चे के पापा से समय निकाल कर पैरेंट्स मीटिंग में शामिल होने के लिए कह सकती हैं.

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