न्यूयार्क : अमेरिका में एक भारतीय व्यक्ति को सबवे ट्रेन के आगे धक्का देकर उसकी हत्या करने के आरोप में अपना अपराध स्वीकार करने वाली 33 वर्षीय एक महिला को 25 साल तक के कारावास की सजा सुनायी जा सकती है.
क्वींस निवासी एरिका मेनेंडेज ने क्वींस सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ग्रेगरी लैसक के समक्ष अपने उपर लगे आरोप स्वीकार किए. एरिका को 27 दिसंबर 2012 की रात को सुनंदो सेन (46 वर्ष) को ट्रेन के आगे धक्का देकर उसकी हत्या करने का दोषी पाया गया है.
क्वींस के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रिचर्ड ब्राउन ने कहा कि एरिका ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उन्होंने कहा कि सेन को पीछे से धक्का मारा गया और उसके पास खुद को बचाने का कोई मौका नहीं था.
लैसक ने कहा कि वह एरिका को 29 अप्रैल को 22 से 25 साल तक के कारावास की सजा सुनाएंगे. आपराधिक शिकायत के अनुसार एरिका को घटना वाले दिन आठ बजे के करीब खुद से बात करते और प्लेटफार्म पर आगे पीछे टहलते देखा गया था.
सेन प्लेटफार्म पर खड़े होकर अपनी ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा था. ट्रेन जब प्लेटफार्म पर आ रही थी तभी अचानक एरिका ने उसे ट्रेन के आगे धक्का दे दिया जिससे सेन की मौत हो गई. एरिका ने बाद में अधिकारियों को बताया था कि ‘हिंदुओं एवं मुस्लिमों’ से नफरत के कारण उसने सेन को धक्का दिया.
उसने कहा कि उसने सेन पर अचानक हमला किया था, फिर भी उसने पटरियों पर गिरने से पहले खुद को बचाने की कोशिश की थी. सेन प्रवासी भारतीय था और वर्षों से क्वींस में रह रहा था.