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अब आइबीएल धमाका

इंडियन प्रीमियर लीग ने क्रिकेट में एक नया जलवा बिखेरा. क्रिकेट एक खेल के साथ–साथ बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए बिजनेस का जरिया भी बन गया. अच्छा खेलनेवाले खिलाड़ी करोड़ों में बिकने लगे. बाद में हॉकी लीग की शुरुआत हुई और इसी कड़ी में अब इंडियन बैडमिंटन लीग भी होने जा रही है. इस लीग […]

इंडियन प्रीमियर लीग ने क्रिकेट में एक नया जलवा बिखेरा. क्रिकेट एक खेल के साथसाथ बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए बिजनेस का जरिया भी बन गया. अच्छा खेलनेवाले खिलाड़ी करोड़ों में बिकने लगे. बाद में हॉकी लीग की शुरुआत हुई और इसी कड़ी में अब इंडियन बैडमिंटन लीग भी होने जा रही है. इस लीग के पहले चरण के दस सबसे महंगे खिलाड़ियों से मिलवा रहा है आज का नॉलेज.

इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के जलवे का असर अब भारत में दूसरे खेलों पर भी दिखनेवाला है. आगामी 14 से 31 अगस्त के बीच होने जा रही इंडियन बैडमिंटन लीग को आइपीएल की ही अगली कड़ी माना जा रहा है. आइबीएल के लिए छह शहरों की फ्रेंचाइजी कारोबारियों और दूसरे लोगों को बेची गयी है.

कुछ दशक पहले की ही बात है. 1980 के दशक में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी दूरदर्शन के अधिकारियों से आरजूमिन्नतें करके किसी तरह क्रिकेट खेल का प्रसारण करवाते थे. बदलते दौर में खेलों के प्रसारण में मुनाफा बढ़ता गया और निजी चैनलों के मुकाबले दूरदर्शन को खेलों का प्रसारण अधिकार प्राप्त करने में एड़ीचोटी का जोर लगाना पड़ता है. बाजार ने खेल की दुनिया और उससे जुड़े तमाम पहलुओं को बदल कर रख दिया है.

अब शायद ही कोई अपने बच्चे को खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब सुनाता है. हर खेल के खिलाड़ी को ब्रांड के तौर पर पेश करने की कवायद के बीच बैडमिंटन की लोकप्रियता को भुनाने के लिए कई महीनों से कोशिश की जा रही थी. लंदन ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को अनेक पदक हासिल होने के बाद देश में खेलों के माहौल में बहुत ही परिवर्तन देखने में रहा है. इस बदलते माहौल को बाजार अपने हक में भुनाने के लिए खुद को तैयार कर चुका है. शायद इसीलिए खिलाड़ियों के साथ नीलामी शब्द जुड़ रहा है.

तकनीक के सहारे क्रिकेट में आधुनिकता आयी और इसकी लोकप्रियता बढ़ती रही, लेकिन अन्य खेल हाशिये पर ही रहे. क्रिकेट और हॉकी की विधिवत लीग के बाद अब बैडमिंटन लीग की शुरुआत से इस खेल को भी देश में एक नया मुकाम हासिल होने की उम्मीद जतायी जा रही है. माना जा रहा है कि लोगों के बीच बैडमिंटन खेल का क्रेज बढ़ रहा है, जिसमें छिपे कारोबारी मौकों की तलाश की जा रही है.

लीग मैचों की कड़ी में आइबीएल एक नया नाम है, जिसमें देशों की टीमें नहीं बल्कि शहरों की टीमें आपस में भिड़ेंगी. इंडियन बैडमिंटन लीग के पहले सीजन के लिए गत सोमवार को खिलाड़ियों की आधिकारिक नीलामी की गयी. देश के छह शहरों में 14 से 31 अगस्त के बीच इन खेलों का आयोजन किया जायेगा. हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु, दिल्ली, लखनऊ और मुंबई की टीमों को इस पहले आइबीएल में शामिल किया गया है.
खिलाड़ियों
की नीलामी प्रक्रिया के दौरान स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता गगन नारंग के मौजूद होने से यह माना जा रहा है कि आयोजकों द्वारा अन्य खेलों के नामीगिरामी खिलाड़ियों की इमेज का इस्तेमाल किया जा सकता है.

1. ली चोंग वेइ
21 अक्तूबर, 1982 को जन्मे इस मलयेशियाई खिलाड़ी को उस समय बड़ी उपलब्धि हासिल हुई जब 2003 में मलयेशियाई ओपन के फाइनल तक पहुंचे. हालांकि, फाइनल में ली चोंग वेई हार गये, लेकिन उसके बाद इस खिलाड़ी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 2008 के बीजिंग ओलिंपिक और 2012 के लंदन ओलिंपिक में मेन्स सिंगल्स में इन्होंने रजत पदक हासिल किया. इसके अलावा, वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान 2011 में लंदन में मेन्स सिंगल्स में रजत पदक और 2005 में एनाहेम में मेन्स सिंगल्स में कांस्य पदक जीता. एशियाई खेलों के दौरान 2006 में दोहा में दो कांस्य और 2010 में गुआंग्झू में रजत पदक हासिल करने में कामयाबी पायी थी.

मिलनेवाली रकम 1,35,000 डॉलर
बेस मूल्य
50,000 डॉलर
टीम
मुंबई मास्टर्स

2. साइना नेहवाल
17 मार्च, 1990 को हरियाणा के हिसार में जन्मी इस खिलाड़ी को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. 2012 के ओलिंपिक खेलों के दौरान महिला सिंगल्स में कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं. इसके अलावा, कॉमनवेल्थ खेलों में 2010 में महिला सिंगल्स में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुकी हैं.

एशियाई चैंपियनशिप 2010 में नयी दिल्ली में इन्हें महिला सिंगल्स में कांस्य पदक मिला था. 2009 में इंडोनेशिया सुपर सीरीज, 2010 में सिंगापुर सुपर सीरीज, 2010 में ही इंडोनेशिया सुपर, 2010 में ही हांगकांग सुपर सीरीज चाइनीज ताइपेइ ओपन का खिताब जीत चुकी हैं.

मिलनेवाली रकम -1,20,000 डॉलर
बेस मूल्य
50,000 डॉलर
टीमहैदराबाद हॉटशॉट्स

3. जुलियन शेंक
जर्मनी की इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने महिला सिंगल्स में पहली बार 2001 में यूरोपियन जूनियर चैंपियनशिप का खिताब जीता. 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में कड़े मुकाबले में कुछ ही अंतर से कांस्य पदक हासिल करने में चूक गयी थीं. वर्ष 2008 में इटैलियन ओपन और 2009 में डच ओपन समेत ऑस्ट्रियन ओपन, नोर्वेयन इंटरनेशनल चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया. 2011 में वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतिस्पर्धा में लंदन में महिला सिंगल्स में कांस्य पदक जीता.

बेस मूल्य
50,000 डॉलर
मिलनेवाली रकम : 90,000 डॉलर
टीमपुणे पिस्टन्स

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