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नाइट शिफ्ट बन सकता है बांझपन का कारण

नाइट शिफ्ट का काम महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. शोध के मुताबिक रात्रि बेला में काम करने वाली महिलाओं में बांझपन की परेशानी आ सकती है. बांझपन का काण हार्मोनल समस्याओं और तनाव के अलावा गलत जीवनशैली के चलते भी हो सकता है. उनका रात की शिफ्ट में काम करना इसका एक […]

नाइट शिफ्ट का काम महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. शोध के मुताबिक रात्रि बेला में काम करने वाली महिलाओं में बांझपन की परेशानी आ सकती है. बांझपन का काण हार्मोनल समस्याओं और तनाव के अलावा गलत जीवनशैली के चलते भी हो सकता है. उनका रात की शिफ्ट में काम करना इसका एक बड़ा कारण हो सकता है.

हाल में एक शोध में यह पाया गया है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं में गर्भवती होने की संभावना पर 80 प्रतिशत तक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

साउथहैंपटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में माना है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं, जैसे अनियमित पीरियड्स, गर्भपात आदि समस्याएं अधिक होती हैं जिससे उनके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है.

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के आधार पर माना है कि जो महिलाएं रात की शिफ्ट में काम करती हैं उनमें अनियमित पीरियड्स की आशंका 33 प्रतिशत अधिक होती है जबकि गर्भपात का खतरा 29 प्रतिशत बढ़ जाता है.

शोध के दौरान करीब एक लाख महिलाओं पर अध्ययन किया गया जिसमें पाया गया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को गर्भ धारण करने में अपेक्षाकृत अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

शोधकर्ता डॉ. लिंडेन स्टॉकर का मानना है कि इसकी वजह उनकी बॉडी क्लॉक में होने वाले बदलाव, खाने और सोने की अनिय‌मितता हो सकती है जो शरीर में हार्मोन के निर्माण, ब्लड प्रेशर आदि को प्रभावित करती है.

वह बताती हैं, ‘रात कीशिफ्टमें नौकरी के दौरान अगर खानपान और व्यायाम पर ध्यान दिया जाए तो इस रिस्क को कुछ हद तक कम भी किया जा सकता है.’ नौकरी छोड़ देने से उनकी इस समस्या का हल संभव है, इस बारे में अभी उनके पास पर्याप्त जानकारी नहीं है.

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