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मोबाइल बन गया है अलादीन का चिराग

मोबाइल फोन का दखल हमारी जिंदगी में बढ़ता जा रहा है. शहरी तो इसका उपयोग कर ही रहे हैं, मगर अब गांव भी पीछे नहीं हैं. भारत में जिस तेजी से मोबाइल फोन का उपयोग करनेवालों की संख्या बढ़ रही है, ऐसा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ नहीं देखा गया है. सस्ती कीमतों पर […]

मोबाइल फोन का दखल हमारी जिंदगी में बढ़ता जा रहा है. शहरी तो इसका उपयोग कर ही रहे हैं, मगर अब गांव भी पीछे नहीं हैं. भारत में जिस तेजी से मोबाइल फोन का उपयोग करनेवालों की संख्या बढ़ रही है, ऐसा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ नहीं देखा गया है. सस्ती कीमतों पर उपलब्ध नये-से- नये मोबाइल फोन और प्रतिस्पद्र्धी कीमतें भी ग्राहकों को लुभाने में कामयाब रही हैं. आंकड़ों की मानें तो हर एक महीने में 60 लाख लोग मोबाइल फोन के नये उपयोगकर्ता के रूप में जुड़ रहे हैं.

सेंट्रल डेस्क

मोबाइल फोन अभी संचार का सबसे सस्ता माध्यम बना हुआ है. अब यह सिर्फ बातचीत करने भर का माध्यम नहीं रह गया है. लोगों की अलग-अलग किस्म की समस्याओं के समाधान के रूप में मोबाइल फोन का इस्तेमाल होना शुरू हुआ है. चाहे बिजली-पानी का बिल जमा करना हो, मोबाइल और डिश टीवी को रिचार्ज कराना हो, बस, रेलवे और हवाई जहाज के टाइमटेबल पता करने हों, टैक्सी बुक करनी हो, शेयरों के भाव पता करने हो, देश और दुनिया की नवीनतम खबरें जानना हो… यह सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है.

अपने ग्राहकों की सेवा करने के मामले में मोबाइल फोन अलादीन का तिलस्मी चिराग साबित होता जा रहा है. आदेश दीजिए और सेवा लीजिए. यानी आपकी जरूरत का हर सामान, आपसे सिर्फ एक क्लिक दूर है. अब तो ऐसे कई मोबाइल एप्लिकेशन आ गये हैं, जो गांव के लोगों के लिए मददगार की तरह बन गये हैं. ये गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सफल हुए हैं. सभी एप्लिकेशन एंड्रॉएड मोबाइल पर चलते हैं.

आइए एक-एक कर इन्हें जानते हैं:

अपने ग्राहकों की सेवा करने के मामले में मोबाइल फोन अलादीन का तिलस्मी चिराग साबित होता जा रहा है. आदेश दीजिए और सेवा लीजिए. यानी आपकी जरूरत का हर सामान, आपसे सिर्फ एक क्लिक दूर है. अब तो ऐसे कई मोबाइल एप्लिकेशन आ गये हैं, जो गांव के लोगों के लिए मददगार की तरह बन गये हैं. ये गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सफल हुए हैं. सभी एप्लिकेशन एंड्रॉएड मोबाइल पर चलते हैं. आइए एक-एक कर इन्हें जानते हैं:

सृजन (सेल्फ-रिलायंट इनिशिएटिव्स थ्रू जॉएंट एक्शन) : यह सोयाबीन उपजाने वाले महिला किसानों के लिए है. इसके जरिये सोयाबीन के फसल की मॉनिटरिंग की देख की जाती है. यह सोयाबीन के किसानों की उत्पादकता बढ़ाने, क्षमता बढ़ाने और फसल से अधिकतम मुनाफा कमाने में भी मदद करता है. सृजन के सोया समृद्धि प्रोजेक्ट ने छोटे किसानों की काफी मदद की है. कम वर्षा के बावजूद इस मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से महिला किसानों ने औसत से 47 फीसदी ज्यादा फसल हासिल की. किसान को इसमें सबसे पहले अपने मोबाइल फोन में एप्लिकेशन डाउनलोड करके रजिस्टर्ड होना होता है. फिर इस मोबाइल के जरिये किसानों को हर किस्म की सलाह मिलती है. इस एप्लिकेशन के जरिये किसान अपनी जमीन, मिट्टी, कीटनाशक, फसल आदि के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ले सकता है. ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें.- http://srijanindia.org/

ऑपरेशन आशा : यह एप्लिकेशन टय़ूबरक्यूलोसिस के मरीजों के उपचार और इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के काम आता है. इसकी शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी. इसका उद्देश्य टीबी के मरीजों को उनके घर पर ही उपचार करना है. इस एप्लिकेशन के जरिये पहले तो मरीज की पहचान की जाती है, फिर दवा की सलाह दी जाती है. स्वास्थ्य कायकर्ता इस मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से टीबी के सक्रिय मरीजों पर नजर रखते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें. -http://www.opasha.org/

स्वयं शिक्षण प्रयोग (एसएसपी): यह एप्लिकेशन ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करता है. यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम आनेवाला एप्लिकेशन है. इसके जरिये कौशल विकास और उद्यमिता का प्रशिक्षण भी मिलता है. जो महिला स्वास्थ्यकर्मी इस एप्लिकेशन का उपयोग करती हैं, उन्हें ‘आरोग्य सखी’ कहा जाता है. यह एप्लिकेशन डॉक्टर और मरीज के बीच सेतु का काम करता है. एक आरोग्य सखी मरीज की बीमारी संबंधित सभी सूचना मोबाइल में डालती है. इन सूचनाओं को डॉक्टर कहीं भी एक्सेस कर सकता है, और इस पर अपनी चिकित्सकीय सलाह दे सकता है. यह एप्लिकेशन अभी महाराष्ट्र के पुणो में प्रयोग में लाया जा रहा है.ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें. – http://www.sspindia.org/

सिटिजन कॉप: इस मोबाइल फोन एप्लिकेशन के जरिए विधि-व्यवस्था कायम रखने का काम हो रहा है. अभी यह मध्य प्रदेश पुलिस राज्य के पांच शहरों में अमल में है. इस एप्लिकेशन के जरिए घटना की जानकारी दे सकते हैं. मदद की गुहार लगा सकते हैं. अगर आपकी गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस उठा कर ले गयी है तो उसका पता लगा सकते हैं. गाड़ी-मालिक का पता लगा सकते हैं. ऑटो-टैक्सी का किराया पता कर सकते हैं. जैसे ही मोबाइल उपयोगकर्ता एसओएस संदेश फीड करता है, वैसे ही स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचना मिल जाती है और वह हरकत में आ जाती है. ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें. – http://www.citizencop.org/

किसानों के लिए जयलक्ष्मी एग्रोटेक: जयलक्ष्मी एग्रोटेक ने खेती-किसानी-पशुपालन में लगे लोगों के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया है. इस एप्लिकेशन का फायदा वैसे किसान भी उठा सकते हैं, जो निरक्षर हैं. एक बार मोबाइल में यह एप्लिकेशन डाउनलोड हो जाए तो इसे चलाने के लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं पड़ती है. बीज, खाद, कीटनाशक, खेती की तकनीक आदि की जानकारी मिलती है. बकरी, भेड़ और गोपालन से संबंधित जानकारी उपलब्ध करायी जाती है. अगर किसानों को मौसम संबंधी सूचना चाहिए तो वह भी मिलती है. ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें. http://www.jayalaxmiagrotech.com/

आइ कनेक्ट: श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट ने यह एप्लिकेशन बनाया है. सुदूर ग्रामीण इलाकों में आंख की बीमारी के मरीजों के काम आता है यह एप्लिकेशन. इस ट्रस्ट के फील्ड-वर्कर इस एप्लिकेशन के जरिये गांव में आंख की बीमारी के मरीजों की तलाश करते हैं. जब मरीजों की ठीक-ठाक संख्या हो जाती है, तो गांव में ही मेडिकल कैंप लगाते हैं. यह एप्लिकेशन बीमारी के उपचार के अलावा नेत्रदान से संबंधित जानकारी भी देता है. ज्यादा जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट पर जायें.-http://www.sankaraeye.com

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