फोटो,नं.- 6 (कार्यशाला में भाग लेते चिकित्सक )जमुई. सदर अस्पताल स्थित सभागार में गुरुवार को पेंटावैलेंट सूई के टीकाकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष डिप्थेरिया, परटूसिस, हेपेटाईिटस बी, टेटनस और हेमियोफिलस इंफ्लूएंजा टाइप बी की वजह से 72 हजार बच्चों की मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि आगामी 7 जनवरी से इस सूई का इस्तेमाल आंध्र प्रदेश,बिहार,असम,छत्तीसगढ़,दिल्ली,झारखंड,मध्य प्रदेश,पंजाब,राजस्थान,तेलांगना,उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में प्रारंभ किया जायेगा. जहां-जहां इस सूई का इस्तेमाल किया गया है वहां-वहां 95 प्रतिशत तक फायदा देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के लक्षण सबसे अधिक उत्तर बिहार में पाये गये हैं. पेंटावैलेंट सूई बच्चों को एक बार लगाने से इन पांचों बीमारियों से बचाव किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है और इसमें सभी मीडियाकर्मी बढ़-चढ़कर सहयोग करें. इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डा. वेद पाल सिंह,जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी मुकेश कुमार,एसएमसी अरविंद कुमार मिश्रा आदि मौजूद थे.
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प्रतिरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन
फोटो,नं.- 6 (कार्यशाला में भाग लेते चिकित्सक )जमुई. सदर अस्पताल स्थित सभागार में गुरुवार को पेंटावैलेंट सूई के टीकाकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष डिप्थेरिया, परटूसिस, हेपेटाईिटस बी, टेटनस और हेमियोफिलस इंफ्लूएंजा […]
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