पटना: किशोर-किशोरियों में इन दिनों ऐसा प्रेम का नशा चढ़ा है कि वे भूल जाते हैं कि उनकी उम्र अभी इस लायक नहीं है. वे नाबालिग हैं. बस वे केवल शादी का सपना देखने लगते हैं और शादी की गुहार लगाने महिला हेल्प लाइन पहुंच जाते हैं.
खासकर ऐसे मामलों में स्कूली छात्र-छात्रएं इन दिनों कुछ ज्यादा ही संख्या में महिला हेल्पलाइन पहुंच रहे हैं. महिला हेल्पलाइन की मानें तो हाल के दिनों में नाबालिग बच्चों में प्रेम प्रसंग मामले के मामले तेजी से बढ़े हैं.
कुछ मामलों में तो लड़के किशोरी की मांग में सिंदूर भी डाल देते हैं. किशोर-किशोरियों में हाल के दिनों में बढ़ रहे प्यार उनके लिए मुसीबत भी बन रहा है. दरअसल कई बार स्कूल में हुए प्रेम को लेकर युवतियां बाद में शिकायत भी दर्ज करा रही हैं. मनोवैज्ञानिक की मानें तो स्कूली लाइफ में प्यार करनेवाली लड़कियां जब कॉलेज जाने लगती हैं, तो वहां उन्हें दूसरे लड़के से प्यार हो जाता हैं. ऐसे में पूर्व के प्रेम से कई बार उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
केस : एक
पटना सिटी के प्रेमी युगल पिछले एक वर्ष से प्यार कर रहे हैं. लड़की के पिता विदेश में रहते हैं, लेकिन बेहतर पढ़ाई के लिए उसे पटना सिटी में रहनेवाले रिश्ते दार के घर में रखा गया. इस दौरान वह अपने पड़ोस के लड़के राहुल से प्यार कर बैठी. दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. राहुल ने लड़की की मांग में सिंदूर डाल भी दिया. दोनों नाबालिग होने के बाद भी शादी करने की गुहार लगाने के लिए महिला हेल्पलाइन पहुंच गये.
केस : दो
कोचिंग में पढ़ाई कर रही 11वीं की छात्र का रोहित से कोचिंग में पढ़ाई के दौरान प्यार हो गया. लड़की हमेशा रोहित के साथ रहने के लिए शादी करने का निर्णय लिया. रोहित में तैयार है. दोस्तों से जानकारी जुटा कर दोनों महिला हेल्पलाइन पहुंच कर शादी करवाने की बात कही. जब महिला हेल्पलाइन की ओर से दोनों से बात कर उनके नाबालिग होने की बात बतायी, तो दोनों जिद करने लगे. यहां तक कहा कि हमें साथ रहने की इजाजत दे दीजिए.
माता-पिता दें ध्यान
अपने बच्चों को पर्याप्त समय दें
दोस्त बन कर उनके दोस्तों के बारे
में जानें
बच्चों को उनकी जिम्मेवारियों-नैतिकता से जोड़ें
प्रेम-प्रसंग का मामला आने पर डांटे नहीं, प्यार से समझाएं
जरूरत में काउंसेलर की मदद लें
देनी पड़ती है सुरक्षा
नाबालिग प्रेमी जोड़ों में शादी करने की जल्दबाजी होती है. ऐसी स्थिति में वे बस शादी कर लेना ही एकमात्र समाधान समझते हैं. ऐसे में वह शादी के लिए हेल्पलाइन में पहुंच रहे हैं. कई बार घर छोड़ आयी लड़कियों को सुरक्षा देने के लिए निशांत गृह में भी रखवाना पड़ता है. काउंसेलिंग कराने के बाद उन बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ भेजा जाता है. हालांकि यह समस्या बालिगों में भी देखने को मिलती है.
प्रमिला कुमारी, परियोजना प्रबंधक,
प्यार को मानते दुनिया
हमारे समाज में प्यार व दोस्ती को लेकर कुछ भ्रांतियां बनी हुई हैं. इससे बच्चे प्यार या दोस्तों की बातें छुपाने लगते हैं. वे अपनी भावनाओं को दोस्तों में शेयर करने लगते हैं. वे शादी को बेस्ट सॉल्यूशन मानते हैं. अभिभावकों द्वारा बच्चों को समय नहीं देना, स्कूल में अनुशासन की कमी व नैतिकता से दूर होना आदि कारणों से बच्चे कम उम्र में प्यार को अपनी दुनिया मान लेते हैं.
अमृता श्रुति, क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक