समाज में अंतिम पायदान पर जीवन बसर कर रहे व्यक्ति को बैंकिंग समेत तमाम वित्तीय सुविधाएं मुहैया करा कर समाज में सशक्त बनाया जा सकता है. इसके लिए राज्य में स्टेट फाइनेंसियल इनक्लूजन फोरम का गठन किया गया है. इसका गठन ब्रिटेन के विदेश विभाग (डीएफआइडी), एसआइडीबीआइ या सिडबी (स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया) और वित्त विभाग के सहयोग से किया गया है. सात साल की परियोजना के लिए डीएफआइडी ने छह करोड़ 50 लाख पाउंड की आर्थिक सहायता दी है.
फोरम लोगों को माइक्रो क्रेडिट (छोटे लोन, पेंशन व बीमा से जुड़ी तमाम सरकारी योजनाओं) का लाभ दिलाने में मददगार साबित होगा. आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली योजनाओं का समुचित लाभ लोग ले पाये. इसके लिए लोगों को विस्तृत जानकारी मुहैया करायेगा. जो अपना छोटा-मोटा व्यावसाय करना चाहते हैं, उन्हें बैंकिंग सहायता दिलाने में मदद करेगा.
आर्थिक सेवाओं में बिहार पिछड़ा : लोगों को बैंकिंग व लोन समेत अन्य आर्थिक सेवाएं प्रदान कराने के मामले में देश के चार राज्य बिहार,ओड़िशा,मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सबसे पिछड़े हैं. इसमें बिहार की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. इसके मद्देनजर डीएफआइडी और सिडबी के खास प्रयास से एसएफआइएफ का गठन किया गया है.
वित्तीय संस्थानों को एक स्थान पर लाने का प्रयास
इसमें बैंक, एनजीओ, वित्त विभाग,स्वयं सहायता समूह व जीविका समेत ऐसी तमाम संस्थाओं को जोड़ा गया है. तमाम वित्तीय संस्थानों को फोरम के जरिये एक स्थान पर लाने और बेहतर सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास है, ताकि आम लोगों को बैंकिंग व ऋण समेत अन्य तरह की वित्तीय सहायता आसानी से मुहैया हो सके. राज्य के नक्सल प्रभावित 18 जिलों और हर साल बाढ़ की विभीषिका ङोलने वाले जिलों में रह रहे लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना व सुदूर इलाकों या बेहद पिछड़े क्षेत्र के लोगों को बैंकों से जोड़ना. ऐसे लोगों का बैंकों में खाता खुलवाना, इन्हें सुगमता से लोन मुहैया करा कर आर्थिक रूप से सशक्त करना और तमाम वित्तीय सुविधाओं के प्रति जागरूकता पैदा करना फोरम का लक्ष्य है. आम लोगों को वित्तीय सहूलियत प्राप्त करने में आ रही समस्याओं को दूर करने में भी फोरम की भूमिका अहम होगी.
फोरम के माध्यम से राज्य के बेहद पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों को आर्थिक सेवाएं प्रदान कर सशक्त बनाना मकसद है. इसके लिए कई स्तर पर कार्य शुरू किया गया है. आने वाले समय में कार्यो में और तेजी लायी जायेगी.
सोन मणि चौधरी, राज्य निदेशक, सिडबी