पाकिस्तान की वर्तमान राजनीति में शायद मंच से ज़्यादा महत्व शिपिंग कंटेनर का हो गया है. फहद देशमुख के मुताबिक़ इमरान ख़ान के बारे में चर्चा है कि उन्होंने करीब 72 लाख रुपए (1,20,000 डॉलर) से ज़्यादा की क़ीमत एक शिपिंग कंटेनर ख़रीदा है.
एक रैली में इमरान ख़ान कह रहे थे, "आपने चारो तरफ़ जो कंटेनर बिछा रखे हैं, वह लोगों की अथाह भीड़ को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं."
यहां प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को संवोधित करते हुए ‘कंटेनरों’ यानि शिपिंग कंटेनरों का जिक्र कर रहे थे.
आगे विस्तार से पढ़िए कि पाकिस्तान में हर नेता को कंटेनर की जरूरत क्यों है?
कंटेनर की ‘राजनीति’
पिछले डेढ़ हफ़्तों से पाकिस्तान में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों को पाकिस्तान के दर्शक टीवी पर देख रहे हैं.
एक तरफ़ तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान हैं और दूसरी तरफ़ कनाडा में रहने वाले धार्मिक नेता ताहिरुल क़ादरी हैं.
दोनों नेता इस्लामाबाद में अलग-अलग जगहों से नवाज़ शरीफ़ के इस्तीफ़े की उम्मीद के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं.
सरकार ने पिछले पांच सालों में प्रमुख शहरों में मुख्य सरकारी भवनों के समीप कंटेनर रखवाएं हैं ताकि प्रदर्शनकारियों की भीड़ को रोका जा सके.
इनमें से कई कंटेनरों पर तो पुलिस का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह लगा हुआ है ताकि स्वामित्व का कोई सवाल न खड़ा हो.
सुविधाओं से लैस कंटेनर
पाकिस्तान में पार्टी कार्यकर्ताओं को लगा कि कंटेनरों से रैलियों के लिए बढ़िया मंच बनाया जा सकता है.
यहां के मीडिया में कंटेनर के लिए ख़ास आकर्षण देखा जा सकता है.
इन कंटेनरों का इस्तेमाल मोबाइल होम के रूप में भी किया जा सकता है.
पिछले साल जनवरी में ताहिरुल क़ादरी अपने चार दिनों के धरने के दौरान हीटिंग और बॉथरूम जैसी सुविधाओं से लैस कंटेनर में सोते थे.
चर्चा में है ‘महंगा कंटेनर’
हाल ही में इस बात की काफ़ी चर्चा हो रही थी कि इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ ने तकरीबन 74 लाख रुपए का एक कंटेनर ख़रीदा है.
बीबीसी ने जब उनके कार्यालय से संपर्क किया तो इन आंकड़ों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया गया.
ऐसी ख़बर है कि इस कंटेनर में मीटिंग व बॉथरूम जैसी सुविधा है और इसमें लगी सीढ़ी के कंटेनर की छत पर पहुंचा जा सकता है और यह संभवतः बम रोधक भी है.
लेकिन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के कंटेनर प्रेम के कारण राजधानी के बहुत से बाशिंदों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कुछ लोगों को काम पर जाने के लिए लंबे रास्ते से गुज़रने और ट्रैफ़िक जाम जैसी स्थिति सामना कर रहे हैं.
वहीं प्राइवेट ट्रांसपोर्ट्स की शिकायत है कि पिछले दो सप्ताह में पुलिस ने उऩसे 1400 से ज़्यादा कंटेनर ज़ब्त कर लिए और इसके मालिकों को बाज़ार मूल्य की आधी से भी कम क़ीमत दी गई.
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