हाल ही में बने नए राज्य तेलंगाना में 19 अगस्त को विवादास्पद मगर प्रत्येक घर में होने वाला विस्तृत सर्वे शुरू हो चुका है.
अदालत की मंजूरी मिलने के बाद तेलंगाना के 10 जिलों में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. इस सर्वे में चार लाख सरकारी कर्मचारी राज्य के करीब 84 लाख लोगों से पूछताछ करेंगे.
बीस करोड़ की लागत से होने वाला यह सर्वेक्षण राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की पहचान करने के लिए हो रहा है.
तेलंगाना ‘सर्वे’: सरकार की मंशा पर सवाल
कुछ मसलों के कारण यह सर्वेक्षण विवादास्पद बन गया है. आंध्रप्रदेश के लोग इस सर्वेक्षण से डरे हुए और वे इसके पीछे भेदभाव की साजिश देख रहे हैं.
आंध्रप्रदेश के निवासियों को लगता है कि सरकार सर्वेक्षण की जानकारियों का इस्तेमाल उनके ख़िलाफ़ कर सकती है.
हालांकि तेलंगाना की सरकार ने दावा किया है कि सर्वेक्षण का मकसद उन लोगों का पता लगाना है जो राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने के हक़दार है.
सर्वेक्षण का दूसरा विवादास्पद पहलू यह है कि लोगों को अपने बैंक खातों और संपत्ति का खुलासा करना होगा.
कई लोग ऐसा नहीं करना चाहते हैं.
सर्वेक्षण स्कैनर के तहत किया जाएगा क्योंकि आंध्र प्रदेश के निवासियों को डर है कि सर्वेक्षण लोगों की पैदाइश जानने का तरीका है.
देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले तेलंगाना के कई निवासी वापस आ गए हैं वे भी सर्वेक्षण में अपना नाम लिखवा सकते हैं.
सरकार ने सर्वेक्षण के दिन सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है और सार्वजनिक परिवहन को बंद रखने का फ़ैसला लिया है.
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