पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना 68वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. लेकिन देश की राजधानी में दो बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी है.
देश के दो विपक्षी राजनीतिक दलों ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है.
इमरान ख़ान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने पिछले साल मई में हुए आम चुनाव के दौरान धांधली का आरोप लगाते हुए ‘आज़ादी मार्च’ का आह्वान किया है.
डॉन अख़बार के मुताबिक इमरान ख़ान ने इस प्रदर्शन की घोषणा करते हुए कहा है, "मैं आप सबको अच्छी ख़बर देना चाहता हूं कि इस सरकार के दिन अब पूरे हो गए हैं."
धार्मिक गुरु ताहिर उल क़ादरी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान अवामी तहरीक ने भी मौजूदा सरकार के ‘भ्रष्टाचार’ के विरोध और पुलिस के साथ हुई झड़प में पार्टी के कार्यकर्ताओं की मौत के विरोध में "इंक़लाब मार्च" का आह्वान किया.
उर्दू चैनल समा टीवी से क़ादरी ने कहा है, "मैं व्यापारियों, किसानों, ग़रीब और दबे कुचले लोगों के लिए संघर्ष कर रहा हूं."
इस्तीफ़े से इनकार
कराची के अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री इशाक डार ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े का सवाल ही नहीं उठता.
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने देश के नाम संबोधन दो दिन पहले 12 अगस्त को दे दिया. इस संबोधन में उन्होंने बातचीत की पेशकश करते हुए कहा, "मैं किसी तरह की बातचीत के लिए तैयार हूं."
इमरान ख़ान के आरोपों पर नवाज़ शरीफ़ ने एक न्यायिक पैनल बनाने की घोषणा की है. लेकिन इमरान ख़ान और उनकी पार्टी पैनल भर से संतुष्ट नहीं हैं.
पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी हिंसा की आशंका को रोकने के लिए 21 हज़ार पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया है.
इतना ही नहीं, सरकार ने सेना को भी अलर्ट पर रखा है. ईंधन आपूर्ति को कम कर दिया गया है. शहर में प्रवेश करने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया है.
(बीबीसी मॉनिटरिंग दुनिया भर के टीवी, रेडियो, वेब और प्रिंट माध्यमों में प्रकाशित होने वाली ख़बरों पर रिपोर्टिंग और विश्लेषण करता है. आप बीबीसी मॉनिटरिंग की खबरें ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी पढ़ सकते हैं. बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)