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बिहार विधानसभा चुनाव का सेमीफ़ाइनल हार गया एनडीए?

<figure> <img alt="नीतीश कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/16E28/production/_109363739_e542d787-5381-4c49-a131-f8a867fb0c34.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार में पांच विधानसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव के नतीजे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के लिए ठीक नहीं हैं.</p><p>पांच में से केवल एक सीट पर ही एनडीए के प्रत्याशी की जीत हो पायी. जबकि पहले चार सीटों पर क़ब्ज़ा था.</p><p>हालांकि, समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए उप-चुनाव […]

<figure> <img alt="नीतीश कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/16E28/production/_109363739_e542d787-5381-4c49-a131-f8a867fb0c34.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार में पांच विधानसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव के नतीजे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के लिए ठीक नहीं हैं.</p><p>पांच में से केवल एक सीट पर ही एनडीए के प्रत्याशी की जीत हो पायी. जबकि पहले चार सीटों पर क़ब्ज़ा था.</p><p>हालांकि, समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए उप-चुनाव में एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा ने अपनी सीट ज़रूर बचा ली है. रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान की मृत्यु के बाद खाली हुई सीट पर उनके ही परिवार के युवा चेहरे प्रिंस राज जीते हैं.</p><p>लेकिन एनडीए के लिए इतनी सी जीत काफ़ी नहीं है. क्योंकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. और इस लिहाज़ से विधानसभा की पांच सीटों पर हुए इस उप-चुनाव को सत्ता का सेमीफ़ाइनल कहा जा रहा था. जिसमें एनडीए अपनी ही उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका, तीन जीती हुई सीटें गंवा दीं. कुल मिलाकर बात करें तो एक तरह से हार हुई.</p><h3>बाग़ी पड़े भारी</h3><p>विधानसभा उप-चुनाव के नतीजों के अनुसार एनडीए ने बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर और दरौंदा में अपनी सीटें खोयी हैं. बेलहर और सिमरी बख्तियारपुर में तो राजद ने उन्हें हराया है जबकि दरौंदा की सीट पर उन्हीं के बाग़ी कैंडिडेट ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल कर ली है.</p><p>एकमात्र सीट जहां एनडीए की जीत हुई है, वो नाथनगर है. वहां भी मतगणना के आख़िरी चरणों तक राजद की प्रत्याशी रूबिया ख़ातून आगे चल रही थीं. मगर अंतिम नतीजों में जदयू के लक्ष्मीकांत मंडल ने 5131 मतों के अंतर से उन्हें हरा दिया.</p><p>जो सीटें एनडीए ने गंवाई हैं उनमे दरौंदा की सीट काफ़ी अहम मानी जा रही थी. वहां से पहले जदयू के कविता सिंह विधायक थीं. मगर उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ये सीट खाली पड़ गई थी. </p><p>एनडीए में समझौते के तहत यह सीट फिर से जदयू के खाते में ही गई. जबकि भाजपा की तरफ़ से कर्णवीर सिंह उर्फ़ व्यास सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे. जब जदयू ने कविता के पति अजय सिंह को मैदान में उतार दिया तब कर्णवीर बाग़ी बन गए. पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया. मगर इन्हीं कर्णवीर ने 27229 मतों के भारी अंतर से अजय सिंह को हरा दिया.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50008488?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या बिहार में जेडीयू से अलग हो रही है बीजेपी</a></li> </ul><figure> <img alt="असदउद्दीन ओवैसी" src="https://c.files.bbci.co.uk/87B0/production/_109363743_dddbb9e0-5de4-468f-8538-27faea17ac6a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>ओवैसी की पार्टी ने खाता खोला</h3><p>पांच में से चार सीटों पर जदयू ने चुनाव लड़ा. किशनगंज की सीट जहां एनडीए की तरफ़ से भाजपा का प्रत्याशी खड़ा था, वहां भी उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा. </p><p>पहले किशनगंज की सीट कांग्रेस के पास थी. लेकिन इस बार कांग्रेस रेस में पीछे रह गई. भाजपा की तरफ से खड़ी स्वीटी सिंह दूसरे नंबर पर रहीं. जबकि पहली बार असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के उम्मीदवार कमरूल होदा ने 10204 वोटों के मार्जिन से चुनाव जीता.</p><p>बिहार विधानसभा उप-चुनाव के नतीजे एनडीए के लिए इसलिए भी ख़ास हैं क्योंकि पिछले काफ़ी दिनों से कभी नेतृत्व को लेकर, कभी चेहरे को लेकर और बाद में फिर जलजमाव को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच तल्ख़ियां बढ़ी हुई थीं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50174487?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी ने किया इशारा, फडणवीस और मनोहर लाल बने रहेंगे मुख्यमंत्री</a></li> </ul><h3>हमलावर बीजेपी नेता</h3><p>इधर हाल में जब गृह मंत्री अमित शाह ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में नीतीश कुमार के नाम को लेकर फिर से सहमति जता दी तो ऐसा लगा था कि रिश्तों में आयी कड़वाहट अब ख़त्म हो रही है. पार्टियों के नेताओं की तरफ़ से बयानबाज़ी भी रुक गई थीं.</p><p>लेकिन उप-चुनाव के नतीजों ने फिर से पुराने ज़ख़्मों को कुरेद दिया है. चूंकि जदयू ने सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा है इसलिए भाजपा की तरफ़ से अब फिर से नेतृत्व बदलने को लेकर बातें कही जाने लगी हैं. </p><p>स्थानीय मीडिया चैनलों में भाजपा के एक एमएलसी टुन्ना सिंह का एक बयान चर्चा में है. पत्रकारों से बात करते हुए एमएलसी ने ख़राब प्रदर्शन का ज़िम्मेदार जदयू को ठहराया. सिंह ने कहा कि प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को इस्तीफ़ा देना चाहिए. सोशल मीडिया पर और भी तरह-तरह की बातें हो रही हैं. </p><h1>’करनी होगी समीक्षा'</h1><p>उप-चुनाव के नतीजों पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, &quot;परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक़ नहीं आए. हम इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि कुछ कमियां रह गई थीं. वैसे ये पहली बार नहीं है कि उप-चुनाव में हम हारे हों. मगर एक बात यह भी याद रखिएगा कि हम जब उप-चुनाव में हारते हैं, बड़े चुनाव में जीत जाते हैं. हालांकि हम लोग परिणामों की समीक्षा कर रहे हैं. किन चीज़ों पर काम करना बाक़ी रह गया है, ये जानना ज़रूरी है.&quot;</p><p>भाजपा के साथ गठबंधन की बात पर नीरज कहते हैं, &quot;हमारा गठबंधन अटूट है. उनके सीनियर लीडर (अमित शाह) ने ख़ुद ही बयान दिया है. इसलिए इसके बारे में बात करना ही बेमानी है. नीतीश कुमार हमारे चेहरे होंगे. &quot;</p><p>भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल चुनाव परिणाम के बारे में कहते हैं, &quot;हम जनादेश का सम्मान करते हैं. लेकिन इसको ऐसे नहीं कहा जाना चाहिए कि हम सेमीफ़ाइनल हार गए या फिर ऐसा कुछ भी. मात्र पांच सीटों के लिए चुनाव को आप सेमीफ़ाइनल नहीं कह सकते हैं. हालांकि परिणाम जो भी आया है वो हमें अगाह करने के लिए ही आया है. हमें अपनी तैयारियों की समीक्षा करनी होगी.&quot;</p><p>जदयू के साथ गठबंधन की बात पर प्रेम रंजन कहते हैं, &quot;इन परिणामों से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम पहले ही बिहार में अपना नेता नीतीश कुमार को मान चुके हैं वैसे ही जैसे देश के लिए हमारे नेता नरेंद्र मोदी हैं.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49645433?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या नीतीश कुमार देंगे भाजपा को मुख्यमंत्री बनाने का मौक़ा? </a></li> </ul><figure> <img alt="तेजस्वी यादव" src="https://c.files.bbci.co.uk/16B08/production/_109363929_99237f66-cebd-4131-a8b9-257b1fef16cd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>राष्ट्रीय जनता दल को फ़ायदा</h3><p>उप-चुनाव के परिणामों में सबसे अधिक फ़ायदा मुख्य विपक्षी दल राजद को हुआ है. उनके लिए एक अच्छी बात और है कि इन परिणामों से विपक्षी गठबंधन की छोटी पार्टियों जैसे जीतनराम मांझी की ‘हम’ और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी आदि की बोलती बंद हो गई है. </p><p>शुरू में सीटों के बंटवारे को लेकर कलह हुई. बात नहीं बनी तो महागठबंधन में रहते हुए इन पार्टियों ने राजद के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा. वो अलग बात है कि इनके कैंडिडेट महज़ ‘वोटकटवा’ ही साबित होकर रह गए.</p><p>राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने आगे की तैयारियों पर कहा, &quot;हम मुद्दों की राजनीति करते आए हैं. ये चुनाव परिणाम यह साबित करता है कि हम अपना काम बख़ूबी कर रहे हैं. जनता का सहयोग हमें मिला है. आगे भी प्लान यही रहेगा कि हम जनता के मुद्दों को उठाएं. उनके साथ सरोकार बनाकर रखें.&quot;</p><p>एनडीए के प्रदर्शन पर तंज़ कसते हुए नवल किशोर कहते हैं, &quot;वो धर्म की राजनीति करते हैं. लोगों को मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते हैं, लेकिन बिहार की जनता सब समझती है. अबकी बार उसने समझा भी दिया है.&quot;</p><p>आख़िर में सवाल यही कि क्या वाकई विधानसभा उप-चुनाव के नतीजे 2020 के चुनाव पर असर डालेंगे? वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर कहते हैं, &quot;बिल्कुल असर डालेंगे. जो जिस तैयारी के साथ प्लानिंग कर रहा था, उसे बदलना होगा. नए सिरे से प्लान बनाना होगा. बीजेपी और जदयू के लिए यह कठिन दौर है. उन्हें सोचने की ज़रूरत है.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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