बीजिंग : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचेंगे और इस दौरान वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे तथा क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री बनने के बाद खान की चीन की यह तीसरी यात्रा है. इस यात्रा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह राष्ट्रपति शी की पूर्वनियोजित हाई प्रोफाइल भारत यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है. अगले सप्ताह होने वाली अपनी भारत यात्रा के दौरान शी चेन्नई के पास मामल्लपुरम में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री खान मंगलवार को चीन आयेंगे, जबकि उनकी या शी की भारत यात्रा पर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के 70वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए चीन में राष्ट्रीय दिवस अवकाश के तहत इस वक्त एक अक्तूबर से एक सप्ताह तक छुट्टियां मनायी जा रही है.
पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘एपीपी’ की रविवार की खबर के अनुसार, खान राष्ट्रपति शी तथा चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे और क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय महत्व वाले मुद्दों पर चर्चा करेंगे. खान की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत द्वारा पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान के सदाबहार मित्र चीन ने कश्मीर मुद्दे पर इस्लामी देश का समर्थन किया है. इसके विदेश मंत्री वांग ने कहा है, ऐसी कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जो मौजूदा स्थिति को बदले. खबर के अनुसार, खान इस दौरान कृषि, औद्योगिक एवं सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग के अलावा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) खाका के तहत परियोजनाओं के विस्तार भी चर्चा करेंगे. हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रविवार की खबर के अनुसार, भारत के अलावा शी नेपाल की भी यात्रा करेंगे. 1996 के बाद किसी चीनी राष्ट्रपति की यह पहली नेपाल यात्रा होगी.
खबर के अनुसार, अपनी इस यात्रा के दौरान शी द्वारा दक्षिण एशिया में आर्थिक एवं लोगों के आपसी संबंध पर जोर देने तथा मौजूदा क्षेत्रीय तनावों को नजरअंदाज करने की संभावना है. अपनी यात्रा के दौरान खान के आठ अक्तूबर को बीजिंग में होने वाले चीन-पाकिस्तान व्यापार मंच की बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है. इससे पहले मीडिया में आयी खबरों के अनुसार खान सीपीईसी परियोजनाओं के तहत अटकी 60 अरब डॉलर की राशि को फिर से शुरू करने को लेकर शीर्ष चीनी नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. सीपीईसी की शुरुआत 2015 में हुई थी और पहले चरण के तहत शुरू की गयी कई परियोजनाएं अब पूरी होने वाली हैं. लेकिन, पिछले साल प्रधानमंत्री खान के सत्ता में आने के बाद से परियोजनाओं के अगले चरण में नरमी आयी है.
‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, खान ने बुधवार को आर्थिक गलियारे पर एक बैठक की अध्यक्षता के दौरान कहा था कि सीपीईसी परियोजनाओं में आ रही सभी बाधाओं को दूर करना और इसे समय पर पूरा करना उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि वह चीन की यात्रा करेंगे और दोनों देशों के बीच मित्रता को प्रगाढ़ करने के लिये उसके नेताओं से मुलाकात करेंगे.