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अल्बर्ट आइंस्टाइन जिन्हें मानते थे मैथ्स का जीनियस

<figure> <img alt="एमी नोटर, वैज्ञानिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/728C/production/_95142392_48c6100b-44da-4f0d-a532-d66fd8aec4d7.jpg" height="1200" width="976" /> <footer>Science Photo Library</footer> <figcaption>एमी ने आइंस्टाइन के सिद्धांत को समझाया, क्वांटम थ्योरी की नींव डाली, आधुनिक अलज़ेब्रा की मां थी</figcaption> </figure><p>सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक माने जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके बारे में कहा था, &quot;महिलाओं को जब से उच्च शिक्षा की इज़ाज़त मिली है, […]

<figure> <img alt="एमी नोटर, वैज्ञानिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/728C/production/_95142392_48c6100b-44da-4f0d-a532-d66fd8aec4d7.jpg" height="1200" width="976" /> <footer>Science Photo Library</footer> <figcaption>एमी ने आइंस्टाइन के सिद्धांत को समझाया, क्वांटम थ्योरी की नींव डाली, आधुनिक अलज़ेब्रा की मां थी</figcaption> </figure><p>सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक माने जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके बारे में कहा था, &quot;महिलाओं को जब से उच्च शिक्षा की इज़ाज़त मिली है, उस समय से अब तक गणित के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण जीनियस एमी नोटर थीं.&quot;</p><p>लेकिन एमी नोटर आख़िर थीं कौन? </p><p>जर्मनी में 1882 में जन्मी एमी के पिता मैक्स नोटर गणितज्ञ थे और बैवेरिया के एरलानजन विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे. </p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/vert-cul-37576942?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्यों संभाल कर रखा है आइंस्टाइन का दिमाग?</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/international-38325190?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मालूम है कहां हुआ था हिटलर का जन्म?</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/international-39248138?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हिटलर के बनाए चित्र की प्रदर्शनी पहली बार</a></p><p>जब उन्होंने कॉलेज में नाम लिखाना चाहा, उन्हें ख़ारिज़ कर दिया गया. उस समय महिलाओं को उच्च शिक्षा की इज़ाज़त नहीं थी. </p><p>बाद में उनसे कहा गया कि यदि शिक्षक उन्हें अनुमति दें तो वे कक्षा में यूं ही बैठ सकती हैं. </p><p>ख़ैर, उन्होंने पढ़ाई पूरी की. लेकिन जब विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगीं तो शुरू में उन्हें वेतन नहीं दिया जाता था. </p><p><strong>आधुनिक </strong><strong>अल्ज़ेब्रा </strong><strong>की मां</strong></p><figure> <img alt="एमी नोटर, वैज्ञानिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/E3E8/production/_95144385_b610d437-de81-4d19-b311-e3da7788a156.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>नात्सियों के जर्मनी की सत्ता में आने के बाद एमी नोटर को देश छोड़ना पड़ा</figcaption> </figure><p>इस महिला के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने आधुनिक अल्ज़ेब्रा की नींव डाली. उन्होंने क्वांटम थ्योरी की नींव डाली. </p><p>उनके सिद्धातों को समझे बग़ैर आइन्सटीन के सापेक्षतवाद के सिद्धांत को नहीं समझा जा सकता है. </p><p>ख़ुद आइंस्टाइन का मानना था कि उनके कठिन समझे जाने वाले सापक्षेतावाद के सिद्धांत को एमी नोटर ने निहायत ही सरल तरीके से सबके सामने पेश कर दिया था. </p><figure> <img alt="सापेक्षतावाद के सिद्धांत पर आइन्सटीन के नोट्स" src="https://c.files.bbci.co.uk/10AF8/production/_95144386_04003fe9-fd57-47d8-93e1-bf18ad7ca6d7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>अल्बर्ट आइंस्टाइन ने एमी नोटर को गणित का जीनियस बताया था</figcaption> </figure><p>उनकी जीवनी लिखने वाले माइकल ल्युबेला के मुताबिक़, इसके बावजूद एमी नोटर के साथ भेदभाव जारी रहा. </p><p>उन्हें गोटिंजेन विश्वविद्यालय में पढ़ाने की नौकरी नहीं दी दी गई. पढ़ाने की इज़ाज़त मिली तो वेतन देने से साफ़ इंकार कर दिया गया. </p><p>लोगों ने तंज किया, &quot;यह विश्वविद्यालय है, कोई सॉना नहीं.&quot;</p><h1> क्या है नोटर थ्योरम? </h1><p>सेवाइल विश्वविद्यालय के आण्विक और परमाणु भौतिकी केंद्र के प्रोफ़ेसर मैनुअल लोज़ानो ने बीबीसी से कहा, &quot;संक्षेप में कहें तो यह सबसे गूढ़ भौतिकी को समझने का आसान तरीका है.&quot;</p><p>लोज़ानो कहते हैं, &quot;यह थ्योरम सैद्धांतिक तौर पर बेहद आसान और गणित के लिहाज से बहुत ही पेचीदा है. यह सिमेट्री और क्वांटिटी के बीच के रिश्ते के बारे में है.&quot;</p><p>प्रोफ़सर साहब बीबीसी से कहते हैं, &quot;कल्पना करें कि मेरे हाथ में वाइन का एक ग्लास है और मैं आपसे आंखें मूंदने को कहूं. आपके आंख मूंदने पर मैं कप को इसके एक्सिस पर उलट दूं और आपसे आंखें खोलने को कहूं. आंख खोलने पर आप शायद यह नहीं समझ पाएं कि कप अपनी जगह से हटाया गया है.&quot; </p><p>वे आगे बताते हैं, &quot;लेकिन यदि मैं ग्लास को घुमा दूं और तब आप आंखें खोलें तो आपको लगेगा कि कुछ तो हुआ है.&quot; </p><p>इसका मतलब? </p><h2>कनजर्व्ड क्वांटिटी</h2><p>लोज़ानो के मुताबिक़, इसका मतलब यह है कि कप एक एक्सिस पर साइमेट्रिकल है, लेकिन दूसरे एक्सिस पर सिमेट्रिकल नहीं है. </p><p>भौतिकी में यह सबको पता है कि ऊर्जा नष्ट नहीं की जा सकती, उसका स्वरूप बदला जा सकता है. इसे ‘कनजर्व्ड क्वांटिटी’ कहते हैं. </p><p>लोज़ानो कहते हैं, &quot;एमी ने इस कनजर्व्ड क्वांटिटी को सिमेट्री के सिस्टम से जोड़ दिया. भौतिकी की गूढ़ बातों को समझने में इससे मदद मिलती है.&quot;</p><p>अमरीका के आयोवा स्टेट विश्वविद्यालय में भौतिकी पढ़ाने वाली माइली सांचेज़ कहती हैं, &quot;यह दुनिया का सबसे खूबसूरत थ्योरम है. मैं पहली बार पढ़ते ही इससे प्रेम करने लगी. मेरे छात्र इससे अचंभित हैं.&quot;</p><p>जर्मनी में नात्सी ताक़तों का उदय होने के बाद एक नियम बनाया गया. इसके तहत सरकारी विश्वविद्यालयों के तमाम जगहों से यहूदियों को बाहर निकाल दिया गया. </p><p>जीवनीकार ल्युसिबेला के मुताबिक़, यहूदी होने की वजह से नोटर को गोटिंजेन विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया. वे यहूदी और ग़ैर यहूदी छात्रों को अपने घर बुला कर पढ़ाने लगीं. </p><p>पर बाद में उन्हें देश छोड़ना पड़ा. वे अमरीका चली गईं और प्रिन्सटन विश्वविद्यालय के ब्रिन मॉर कॉलेज से जुड़ गईं. </p><p>साल 1935 में नोटर के कूल्हे में एक ट्यूमर हो गया. उसका ऑपरेशन हालांकि कामयाब रहा, पर बाद में उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और चार दिनों के बाद उनकी मौत हो गई. </p><h2>नात्सियों ने नकारा</h2><p>वे उस समय सिर्फ़ 53 साल की थीं. </p><p>उन्होंने भौतिकी ही नहीं, दूसरे क्षेत्रों में भी काम किया. अल्ज़ेब्रा में उनकी खोज से आधुनिक गणितज्ञों का बड़ा मजबूत आधार मिला. </p><p>इतने बड़े वैज्ञानिक होने के बावजूद नोटर को उनके ही देश में वह स्थान नहीं मिला, जिसकी हक़दार वे थीं. </p><p>नात्सी सरकार ने उनके योगदान को एक झटके में नकार दिया. उन्हें अमरीकी विश्वविद्यालय से ही थोड़ा बहुत सहारा मिला. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां</a><strong> क्लिक कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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