अभी तक अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे थर्ड सेक्स यानी किन्नरों के लिए केंद्र सरकार की ये पहल बहुत अहम हो सकती है. मामला फौरी तौर पर ओडिशा से जुड़ा है. यहां एक संस्था है,ओडिश किन्नर असोसिएशन, जो 15 हजार किन्नरों का प्रतिनिधित्व करती है.सात महीने पहले संस्था ने एक प्रस्ताव तैयार किया था. इसमें सरकारी नौकरियों में उन्हें दो फीसदी रिजर्वेशन की मांग की गई थी.
इसके अलावा राशन कार्ड और सस्ते आवास जैसी सुविधाओं में भी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग थी. इन सब मांगों का सिलसिलेवार ब्यौरा किन्नर वेलफेयर एक्ट के नाम से तैयार ड्राफ्ट बिल के रूप में सामने आया. संस्था ने इसे ओडिशा असेंबली के स्पीकर प्रदीप अमत और सीएम नवीन पटनायक को भेजा.
राज्य सरकार ने अपनी टिप्पणियों के साथ इस ड्राफ्ट को केंद्र सरकार के पास भेज दिया. उसके बाद बुधवार को केंद्र सरकार के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की एक टीम ओडिशा पहुंची और किन्नर संस्था के प्रतिनिधियों से इस बारे में सलाह की.किन्नरों ने कहा कि सरकार को उनके लिए एक वेलफेयर बोर्ड भी बनाना चाहिए.विभाग ने कहा है कि किन्नरों की मांग पर जल्द ही गंभीरतापूर्वक विचार और आगे की कार्रवाई की जाएगी.