लीबिया में काम करने वाली भारत की एक नर्स ने बीबीसी हिंदी को बताया है कि वहां कुछ अस्पतालों में नर्सों से कहा गया है कि वे फ़ौरन इस्तीफ़ा दें लेकिन अगले तीन महीने तक काम करती रहें.
लिज़ी योहानन नाम की इस नर्स ने कहा, ‘एक सरकारी अस्पताल में काम कर रहीं लगभग 30 नर्सों से कहा गया है कि वे अपना हिसाब चुकता किए बिना नौकरी छोड़ दें.’
उनका कहना है, ‘हम डरे हुए हैं और एक साथ रहने लगे हैं. अस्पताल प्रबंधन हमें घर से अस्पताल ले जाता है और फिर घर छोड़ आता है. हमें नहीं पता खाने-पीने का सामान कितने दिन तक चलेगा.’
एक अन्य नर्स ने नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘हम खाने-पीने की चीज़ें ख़रीदने के लिए भी बाहर नहीं निकल सकते हैं क्योंकि जैसे ही बाहर निकलते हैं, हमें बंदूक़ की नोक पर लूट लिया जाता है.’
लिज़ी ने बताया, ‘हमने अपने दूतावास में बात की और उन्होंने कहा कि हमें अपने घरों में रहना चाहिए. लेकिन ऐसा कितने दिन तक चल सकता है.’
लीबिया में बढ़ती हिंसा के मद्देनज़र भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी कर वहां रह रहे सभी भारतीयों से लीबिया छोड़ देने के लिए कहा है.
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