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भारत- पाक नियंत्रण रेखा पर फंसे कश्मीरी वापसी के इंतज़ार में – ग्राउंड रिपोर्ट

<figure> <img alt="तीतरीनोट क्रासिंग" src="https://c.files.bbci.co.uk/15A16/production/_108389588_6ddcd0db-9d6f-4486-8fb0-26d3106d8d4a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>तीतरीनोट क्रासिंग प्वाइंट</figcaption> </figure><p>भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से नियंत्रण रेखा पर हालात खराब होते जा रहे हैं.</p><p>दोनों देशों की सेनाएं नियंत्रण रेखा पर एक दूसरे के सैनिकों को मारने के दावे कर चुकी हैं. एक-दूसरे के आम नागरिकों को […]

<figure> <img alt="तीतरीनोट क्रासिंग" src="https://c.files.bbci.co.uk/15A16/production/_108389588_6ddcd0db-9d6f-4486-8fb0-26d3106d8d4a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>तीतरीनोट क्रासिंग प्वाइंट</figcaption> </figure><p>भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से नियंत्रण रेखा पर हालात खराब होते जा रहे हैं.</p><p>दोनों देशों की सेनाएं नियंत्रण रेखा पर एक दूसरे के सैनिकों को मारने के दावे कर चुकी हैं. एक-दूसरे के आम नागरिकों को निशाना बनाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं.</p><p>तनाव बढ़ने के बाद से पाकिस्तान की सरकार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर चुकी है.</p><p>साथ ही दोनों देशों के बीच यातायात सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं. ऐसे हालात में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो सरहद के आरपार फंस कर रह गए हैं.</p><p>इस समय हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से संबंध रखने वाले कम से कम चालीस लोग नियंत्रण रेखा के पार वापसी के इंतज़ार में हैं जबकि भारत प्रशासित कश्मीर से संबंध रखने वाले दस लोग वापस जाने के लिए तरस रहे हैं.</p><p><a href="https://www.youtube.com/watch?v=DnA4X0he3z0">https://www.youtube.com/watch?v=DnA4X0he3z0</a></p><p>19 अगस्त को नियंत्रण रेखा पर तीतरीनोट क्रासिंग प्वाइंट खुलने की ख़बरें आईं तो वहां मुसाफ़िर भी मौजूद थे और उन्हें लेने आए उनके रिश्तेदार भी लेकिन क्या मुसाफ़िर और क्या उन्हें लेने आने वाले, सभी मायूस ही लौटे.</p><p>क्रासिंग प्वाइंट पर अपने रिश्तेदारों को लेने आए लोग मीडिया से बचते हुए नज़र आए.</p><p>एक परिवार के मुखिया से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि वो इंतज़ार तो कर रहे हैं लेकिन इस बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करने से नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर मौजूद रिश्तेदारों को मुश्किल हो सकती है.</p><p>भारत प्रशासित कश्मीर से वापसी का इंतज़ार कर रहे लोगों में पलंदरी के इलाक़े के रहने वाले इरफ़ान रशीद के चाचा और उनके रिश्तेदार भी सामिल हैं. इरफ़ान रशीद ने बताया कि उनके चाचा और परिजनों को चार अगस्त को वापस आना था लेकिन हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि रास्ता ही नहीं खोला गया. </p><figure> <img alt="इरफ़ान रशीद" src="https://c.files.bbci.co.uk/257E/production/_108389590_2ded4f56-d707-4499-ba2b-a69aaa7e2cff.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>इरफ़ान रशीद अपने रिश्तेदारों को लेने क्रासिंग प्वाइंट आए थे</figcaption> </figure><p>&quot;आज पता चला कि दोनों तरफ़ फंसे यात्रियों के लिए ख़ास तौर पर रास्ता खोला जाएगा, इसलिए सुबह से यहां इंतज़ार कर रहे थे. कई घंटों बाद पता चला है कि आज भी रास्ता नहीं खोला जाएगा. अब अगले सोमवार को बुलाया है.&quot;</p><p>वो कहते हैं, &quot;जो इस बार हो रहा है ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ, पहली बार हालात इतने ख़राब हुए कि समझ नहीं आ रहा कि वो वापस आ सकेंगे या नहीं, कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा है.&quot;</p><p>पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में क्रासिंग प्वाइंट्स का प्रबंध देखने वाली अथॉरिटी टाटा के मुताबिक उनकी कोशिश के बाद सरकार और संबंधित संस्थान इस बात पर राज़ी हुए हैं कि जो वापस आने और जाने वाले यात्री हैं उनकी वापसी का प्रबंध किया जाए जबकि नए यात्रियों के आने-जाने पर पाबंदी जारी रहेगी.</p><p>पाकिस्तान की ओर से अधिकारियों ने जब हामी भरी तो उस वक़्त तक इतनी देर हो चुकी थी कि नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर से बताया गया कि लौटने का इंतज़ार कर रहे लोग वापस चले गए हैं और अब वो अगले सप्ताह ही आएंगे.</p><h1>नियंत्रण रेखा पर बने क्रासिंग प्वाइंट्स</h1><p>अक्तूबर 2005 में पाकिस्तान और भारत में भूकंप ने इस क़दर तबाही मचाई की भारत और पाकिस्तान ने अपने मतभेदों को किनारे करके पैदल आने जाने और राहत सामग्री लाए ले जाने के लिए कुछ स्थानों पर रास्ता खोलने का फ़ैसला लिया था. </p><p>नियंत्रण रेखा पर पहली बार नवंबर 2005 में हाजीपुर स्थान पर पैदल आने जाने के लिए रास्ता खोला गया.</p><p>भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर पांच स्थानों पर क्रासिंग प्वाइंट्स खोलने का ऐलान किया था. </p><figure> <img alt="क्रासिंग प्वाइंट" src="https://c.files.bbci.co.uk/10F8F/production/_108391596_41511078-b150-4550-a461-fef1227dc873.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>ये क्रासिंग प्वाइंट पहले सिर्फ़ पैदल आने जाने के लिए खोले गए थे. बाद में पहली बार 2008 में इनमें से दो जगहों पर व्यापार भी शुरु हुआ. </p><p>क्रासिंग प्वाइंट्स को एक-एक करके खोला गया और उन स्थानों पर सबसे पहले उन बारूदी सुरंगों का सफ़ाया किया गया जो नियंत्रण रेखा के आर पार लोगों को आने जाने से रोकने के लिए बिछाई गईं थीं. </p><p>जिसके बाद यहां प्रबंधन ब्लाक्स का निर्माण किया गया और कुछ स्थानों पर पुल या सड़कें भी बनाईं गईं या उन्हें ठीक करने का काम किया गया.</p><p>याद रहे कि श्रीनगर-मुज़फ़्फ़राबाद बस सर्विस के अलावा ये पांच वो क्रासिंग प्वाइंट्स हैं जहां से मुसाफ़िर पैदल नियंत्रण रेखा पार कर सकते हैं इस सिलसिले में फ़ैसला किया गया कि यहां उन लोगों को तरज़ीह दी जाएगी जिनका संबंध दोनों ओर बंटे हुए परिवारों से है.</p><h1>मुज़फ़्फ़राबाद-श्रीनगर बस सर्विस</h1><figure> <img alt="क्रासिंग प्वाइंट" src="https://c.files.bbci.co.uk/734F/production/_108391592_4ee27f28-85d8-403e-842e-bbad5899e582.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सन 1965 में शुरू होने वाली बस सर्विस को दोबारा शुरू करने का प्रस्ताव भारत ने 2001 में रखा था. लेकिन ये प्रस्ताव भी रिश्तों की बर्फ़ में दब कर रह गया. बाद में 2003 में ये प्रस्ताव दोबारा आया तो दोनों देशों में कई दौर की बातचीत के बाद फ़रवरी 2005 में समझौता हुआ और इसी साल अप्रैल में कई दशकों तक बंद रहने के बाद ये बस सेवा फिर से शुरू हो सकी.</p><p><strong>हाजीपुर</strong><strong>-</strong><strong>अटारी क्रासिंग प्वाइंट</strong></p><p>ये नियंत्रण रेखा पर शुरू किया गया पहला क्रासिंग प्वाइंट हैं. नवंबर 2005 में यहां से भूकंप प्रभावितों के लिए मदद सामग्री लाई ले जाई गई. लेकिन इस प्वाइंट से लोगों का आना जाना नहीं हुआ और इस पर आगे और काम भी नहीं हो सका. इसलिए ये क्रासिंग प्वाइंट आजकल काम में नहीं है.</p><h1>नौसेरी-तितवाल क्रासिंग प्वाइंट</h1><p>ये क्रासिंग प्वाइंट चिलयाना के नाम से भी जाना जाता है और ये वो इलाक़ा है जो बीते महीने के शुरू में उस वक़्त ख़बरों में आया जब पाकिस्तान ने भारत पर अपने नागरिकों पर क्लस्टर बमों से हमले करने के आरोप लगाए.</p><p>यहां चिलयाना के स्थान पर नीलम नदी पर पुल बनाया गया था जहां से यात्री पैदल कश्मीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में आ-जा सकते थे. यहाँ नीलम नदी तंग गुज़़रती है और यहां दूसरी ओर बने घर भी देखे जा सकते हैं. ये क्रासिंग प्वाइंट सिर्फ़ मई से अक्तूबर के बीच खोला जाता है और फ़िलहाल ये भी बंद है.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-tra-49410453?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर का गाँव जिसे भारत ने पाकिस्तान से छीन लिया </a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49416921?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर: ट्रंप ने कहा स्थिति ‘विस्फोटक’, फिर की मध्यस्थता की पेशकश</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49402020?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर में दिल, लेह में दुकान: भावनाओं का भंवरजाल</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49409705?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर: स्कूल तो खुल गए अब क्या है रणनीति?</a></p><h1>चखौटी- उड़ी क्रासिंग प्वाइंट</h1><figure> <img alt="crossing point" src="https://c.files.bbci.co.uk/C16F/production/_108391594_2d15aeb1-b8c1-4f8a-ae98-b8e9297f2478.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>इस क्रासिंग प्वाइंट पर सीमा के आर पार व्यापार भी होता था लेकिन यहां बीते साल मार्च में उस समय व्यापार रोक दिया गया जब भारत प्रशासित कश्मीर में इस जगह पर कमान पुल की मरम्मत का काम शुरू हुआ. </p><p>इसके बाद अप्रैल में भारत ने आरोप लगाया कि चखौटी उड़ी और तीतरीनोट क्रासिंग प्वाइंट से हथियार और ड्रग्स की तस्करी की जा रही है. फिर यहां से व्यापार रोक दिया गया. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि पुल की मरम्मत एक बहाना था, भारत ने जानबूझकर ये काम किया है.</p><h1>रावलकोट-पूंछ, तीतरीनोट-चकां दा बाग़ क्रासिंग प्वाइंट</h1><p>रावलकोट और पूंछ को मिलाने वाला ये क्रासिंग प्वांइट हालिया तनाव के दौरान बंद होने वाला आख़िरी प्वाइंट है. यहां व्यापार तो अप्रैल से ही बंद था. यहां से आख़िरी बार लोगों ने पांच अगस्त को पैदल नियंत्रण रेखा पार की थी. अब ये रास्ता भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है.</p><h1>तत्तापानी-महींदर क्रासिंग</h1><p>ये क्रासिंग प्वाइंट भी 2005 में भूकंप के बाद राहत सामग्री लाने ले जाने और पैदल आने जाने के लिए खोला गया था. हाजीपुर क्रासिंग प्वाइंट की तरह ये भी अब काम में नहीं हैं.</p><h1>रावलकोट-पुंछ बस सेवा</h1><p>इस बस सेवा की शुरुआत रावलकोट और पूंछ में तीतरीनोट और चकां दा बाग़ के स्थान पर जून 2006 में की गई थी. बाद में इसी रास्ते पर व्यापार की शुरुआत भी हुई. ताज़ा तनाव के मद्देनज़र इस समय ये बस सेवा भी निलंबित है. </p><p>याद रहे कि इस स्थान पर बस नहीं चलती है और लोग चंद मीटार का ये फासला पैदल ही तय करते हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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