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भारतीय विदेश मंत्री का चीन दौरा,क्या हुई बात?

<p>भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के तीन दिन के दौरे पर हैं. ये दौरा ऐसे वक़्त में हो रहा है जब कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है.</p><p>एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की. चीनी विदेश मंत्री के साथ संयुक्त […]

<p>भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के तीन दिन के दौरे पर हैं. ये दौरा ऐसे वक़्त में हो रहा है जब कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है.</p><p>एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की. चीनी विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, &quot;भारत और चीन के बीच कुछ बातों पर मतभेद तो होंगे ही, लेकिन वो मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए.&quot;</p><p>जयशंकर ने कहा कि जिस वक़्त दुनिया में अनिश्चितता की स्थिति है, उस वक़्त भारत और चीन के संबंधों में स्थिरता रहनी चाहिए. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;भारत और चीन को अपने रिश्तों में स्थिरता लाने के लिए मतभेदों को सही तरीके से मैनेज किए जाने की ज़रूरत है.&quot;</p><p>एस जयशंकर का चीन दौरा इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इसके दो दिन पहले यानी 9 अगस्त को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी भी चीन के विदेश मंत्री से मिलने पहुंचे थे. </p><p>जिसके बाद उन्होंने दावा किया था कि कश्मीर मसले पर चीन, पाकिस्तान के साथ है और दोनों देश मिलकर कश्मीर के लोगों की आवाज़ को दुनिया के सामने उठाएंगे.</p><h1>’विवादों का बातचीत से हल हो'</h1><p>साझा प्रेस वार्ता में चीन के विदेश मंत्री ने यह माना कि दोनों देशों के बीच मतभेद तो हैं. उन्होंने कहा, ”मतभेद होने के बावजूद हम अपने विचारों को एक-दूसरे के सामने रखते हैं.”</p><p>चीन के विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर भी अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;हम सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं. विवादों का बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए. सीमा से जुड़े मुद्दों का भी सही तरीके से समाधान होना चाहिए. और जहां तक चीन की संप्रभुता की बात है, हमने अपना स्टैंड बता दिया है.&quot;</p><p>इससे पहले चीन ने एक बयान जारी कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के भारत के फ़ैसले पर आपत्ति जताई थी. चीन ने कहा था कि भारत ने उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता को कम करके आंका है.</p><p>लद्दाख के विषय में चीन ने कहा था कि भारत ने जो अपने घरेलू क़ानून बदले हैं वो भारत-चीन सीमा क्षेत्र में प्रभावी नहीं होंगे.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49265006?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जम्मू-कश्मीर पर चीन के बयान को हल्के में न ले भारत- नज़रिया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49253688?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर चीन ने कहा, ‘यथास्थिति में बदलाव न हो'</a></li> </ul><h3>संयम की सलाह</h3><p>चीन ने कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि दोनों ही पक्षों (भारत-पाकिस्तान) को संयम बरतना चाहिए. </p><p>चीन के बयान की प्रतिक्रिया में भारत ने कश्मीर को अपना आंतरिक मामला बताया था और कहा था कि भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दख़ल नहीं देता है और दूसरे देशों से भी ऐसी ही उम्मीद करता है.</p><p>भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करके जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन कर जम्मू-कश्मीर को अलग और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. </p><p>एस जयशंकर के विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49300490?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ है चीन: पाक विदेश मंत्री </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49141283?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर चीन भी मध्यस्थता का समर्थक</a></li> </ul><h3>पहले से तय थी यात्रा</h3><p>समाचार एजेंसी पीटीआई का कहना है कि जयशंकर की ये यात्रा पहले से तय थी. वो रविवार को चीन पहुंचे थे. </p><p>इस दौरान चीन और भारत के बीच विदेश मामलों, सांस्कृतिक, पारंपरिक मेडिसिन, खेल और म्यूज़ियम मैनेजमेंट के क्षेत्र में पांच समझौते हुए. </p><p>इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की साल के अंत में होने वाली भारत यात्रा की तैयारियों को लेकर चीनी नेताओं से बातचीत भी करेंगे. </p><p>साल के अंत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत आने की योजना है. इस दौरान वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक मुलाक़ात करेंगे. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

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