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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओः बजट में नयी योजनाओं का प्रावधान

-आरके नीरद- देश में बेटियों को बचाने और उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर देने के लिए पूर्व की सरकार की तरह इस सरकार ने भी अपनी गंभीरता और प्राथमिकता जाहिर की है. इसके तहत केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में जिन नयी योजनाओं को शामिल किया है, उनमें बेटी बचाओ, […]

-आरके नीरद-

देश में बेटियों को बचाने और उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर देने के लिए पूर्व की सरकार की तरह इस सरकार ने भी अपनी गंभीरता और प्राथमिकता जाहिर की है. इसके तहत केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में जिन नयी योजनाओं को शामिल किया है, उनमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना भी है. इस योजना पर सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार भी यह स्वीकार कर रही है कि देश के कई हिस्सों में अब भी बेटियों के साथ भेदभाव बरता जा रहा है. बेटे और बेटी में भेदभाव से लिंगानुपात का अंतर बढ़ रहा है और भ्रूण हत्या जैसी घटनाएं रूक नहीं पा रही है. बेटियों को शिक्षा और रोजगार के अवसर देने में भी सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर बाधाएं अब भी कायम हैं. इससे राष्ट्रीय स्तर पर बेटियों और महिलाओं की स्थिति में सुधार की दर बढ़ नहीं पा रही है. दूसरी ओर देया की बहुत बड़ी आबादी इस लिंग भेद के कारण राष्ट्रीय विकास में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभा पा रही है. मानव संसाधन के विकास में यह बड़ी बाधा है. इस समस्या को हल करने के लिए इस योजना को लायी जा रही है. यह योजना देश के कई हिस्सों में महिलाओं और बेटियों के प्रति भेदभाव के प्रचलित व्यवहार को दूर करने तथा लिंगानुपात के अंतर को कम करने के लिए शुरू की जा रही है. सरकार इसके जरिये बेटियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में सुधार लाना चाहती है. सरकार की मंशा है कि इस योजना की बदौलत बालिका शिक्षा की दर को भी बढ़ाया जाये. महिलाओं के कल्याण के लिए सेवाओं को सुलभ और सुगम बनाना तथा बालिकाओं के प्रति जागरूकता का प्रसार इसका मकसद है.

महिला सुरक्षा

महिला सुरक्षा को लेकर हाल के वर्षो में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन और बहस के जरिये सरकार पर दबाव बनाया गया है. सरकार भी इस बात को स्वीकार कर रही है कि महिला सुरक्षा के मामले में और ठोस पहल की जरूरत है. इसी के तहत केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकारी सड़क परिवहनों में प्रायोगिक योजना शुरू करने का प्रावधान किया है. इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय 50 करोड़ रुपये खर्च करेगा. मोदी सरकार का दावा है कि वह महिला एवं बाल विकास पर सरकार विशेष बल दे रही है. कई शहरों में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने की योजना पर 150 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान बजट में किया गया है. यह योजना गृह मंत्रलय द्वारा संचालित की जायेगी.

दिल्ली के लिए विशेष योजना

बजट में दिल्ली के सभी जिलों में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. इसके लिए ‘निर्भया कोष’ से धन उपलब्ध कराया जायेगा. सरकार ने बालिकाओं और महिलाओं के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने का भी एलान किया है. स्त्री-पुरूष के बीच भेदभाव दूर करने के लिए स्कूलों के पाठ्यक्र म में विशेष अध्याय शामिल किये जाने हैं.

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

यह योजना देश में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को हल करने के लिए शुरू की जा रही है. गांवों के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरु ण जेटली ने लोकसभा में वर्ष 2014-15 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि बिजली आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण अंग है. उनकी सरकार सभी घरों को चौबीसों घंटे लगातार बिजली की आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बढ़ाने, उसकी वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए शुरू की जा रही है.

सबके लिए स्वास्थ्य मिशन

इस बार के बजट में सबके लिए स्वास्थ्य मिशन को प्राथमिकता दी गयी है. इसके तहत कई लक्ष्य तय किये गये हैं. इनमें स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना दोनों को बेहतर बनाने पर जोर है. बजट में सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि वह देश के लोगों को हर स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के प्रति गंभीर है. देश के हर आदमी को सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क दवा और नि:शुल्क चिकित्सा सेवा को प्रमुखता दी गयी है. केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए राज्यों में 15 मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्रों को स्थापित करने का भी फैसला किया गया है, जबकि शीघ्र गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधा तथा टीबी के मरीजों को समुचित इलाज का लाभ मिल सके. इसके लिए नयी दिल्ली के एम्स और चेन्नई के मद्रास मेडिकल कॉलेज में दो राष्ट्रीय वरिष्ठ व्यक्ति संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है.

वित्त मंत्री ने सदन को जो बताया है, उसके मुताबिक देश के पांच अन्य एम्स के साथ-साथ पटना का एम्स भी पीएमएसएसवाई का हिस्सा हैं. इन सबके के लिए 500 करोड़ रु पये की राशि का प्रावधान किया गया है. वर्तमान में देश में 58 सरकारी मेडिकल कॉलेज अनुमोदित हैं. इसमें और 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को शामिल किया जा रहा है.

गांवों में 15 मॉडल स्वास्थ्य केंद्र

देश में स्वास्थ्य सेवा के आधारभूत संसाधन को विकसित करने पर भी सरकार का जोर है. इसके लिए आधुनिक सुविधाओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने की सरकार ने योजना बनायी है. इसी के तहत इस बार के आम बजट में केंद्र सरकार ने ग्रामीण भारत में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए राज्यों में 15 मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्रों को स्थापित करने का फैसला किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि सबके लिए स्वास्थ्य मिशन के तहत नि:शुल्क दवा और चिकित्सा सुविधा प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह प्रावधान किया गया है.

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