वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत को मिले जीएसपी (जेनरेलाइज सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) दर्जे को समाप्त कर दिया है. यह पांच जून से लागू हो जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इसका ऐलान किया. ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को ‘‘अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच” देने का आश्वासन नहीं दिया है.
जेनरेलाइज सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) अमेरिका का सबसे बड़ा और पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है. इसका लक्ष्य लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को बिना शुल्क प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि मैंने यह तय किया है कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और तर्कपूर्ण पहुंच देने का आश्वासन नहीं दिया है. तदनुसार, पांच जून, 2019 से भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल सही है. ट्रंप ने इस संबंध में अमेरिका के तमाम शीर्ष सांसदों की अपील ठुकराते हुए यह फैसला लिया है.
सांसदों का कहना था कि इस कदम से अमेरिकी उद्योगपतियों को प्रतिवर्ष 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने चार मार्च को कहा था कि अमेरिका जीएसपी के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म करने पर विचार कर रहा है. इस संबंध में भारत को मिला 60 दिन का नोटिस तीन मई को समाप्त हो चुका है.
जीएसपी के बारे में आपको हम यहां बताते चलें कि यह अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह है जो सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है. अमेरिका ने इसकी शुरुआत 1976 में विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी.
इस दर्जे को प्राप्त देश हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात कर सकते हैं. इसमें उन्हें छूट मिलती है. भारत 2017 में जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा. इस साल भारत ने अमेरिका को 5.7 अरब डॉलर का निर्यात किया था. अबतक की बात करें तो लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए जीएसपी के तहत लाभ मिला है.
जीएसपी का उद्देश्य है कि विकासशील देशों के निर्यात को बढ़ावा मिले ताकि उनकी अर्थव्यवस्था बढ़ सके और गरीबी घटाने में उक्त देश को मदद मिले.