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जर्मनी की जीत से बाग़-बाग़ ब्राज़ील!

पॉल फ्लेचर रियो दे जनेरो, बीबीसी स्पोर्ट फ़ुटबॉल विश्व कप के फ़ाइनल में जर्मनी की जीत की ख़ुशी जितनी जर्मन फ़ैंस को हुई, उतनी ही, या फिर उससे भी ज़्यादा मेज़बान ब्राज़ील के फ़ैंस को भी. बल्कि ये कहना सही होगा कि ब्राज़ील के फ़ैंस को अर्जेंटीना के हारने से ज़्यादा राहत मिली. स्टेडियम के […]

फ़ुटबॉल विश्व कप के फ़ाइनल में जर्मनी की जीत की ख़ुशी जितनी जर्मन फ़ैंस को हुई, उतनी ही, या फिर उससे भी ज़्यादा मेज़बान ब्राज़ील के फ़ैंस को भी. बल्कि ये कहना सही होगा कि ब्राज़ील के फ़ैंस को अर्जेंटीना के हारने से ज़्यादा राहत मिली.

स्टेडियम के अंदर जर्मनी के मैच जीतते ही माराकाना में जश्न मनाने वालों में न सिर्फ़ जर्मन फ़ैंस बल्कि, ब्राज़ील के फ़ैन भी शामिल थे. मैच के दौरान अर्जेंटीना और ब्राज़ील के फ़ैंस के बीच प्रतिद्वंद्विता इतनी ज़्यादा थी कि इससे जर्मन फ़ैन भी दरकिनार हो गए.

चौथी बार चैंपियन बना जर्मनी

ब्राज़ील के फ़ैंस ने जम कर जर्मनी के लिए चीयर किया और अर्जेंटीना को हतोत्साहित करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा.

पूरे दिन रियो शहर में और फिर माराकाना के अंदर अर्जेंटीना के फ़ैंस का दबदबा था. रियो में अर्जेंटीना के लगभग एक लाख फ़ैंस मौजूद थे.

बहुत से फ़ैंस के पास, सबसे सस्ता 440 डॉलर का टिकट खरीदने तक के पैसे नहीं थे और न ही टिकट मिलने की कोई उम्मीद. लेकिन वे लोग रियो पहुंचे क्योंकि वे इस जश्न में शामिल होना चाहते थे.

तो एक तरह से विश्व कप का दूसरा फ़ाइनल रियो की सड़कों और समुद्र तट पर खेला गया जिसे बड़ी स्क्रीन पर उन फ़ैंस ने देखा जो टिकट नहीं खरीद सकते थे.

शहर के कोपाकबाना तट पर गाड़ियों और कैंपर वैनों का हुजूम देखते ही बनता था.

एक परिवार तो फ़ाइनल के लिए छह दिन में सात हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय कर ब्राज़ील पहुंचा था. उनके पास न तो टिकट थे और न ख़रीद पाने की कोई उम्मीद लेकिन इससे उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.

नीले और सफ़ेद रंगों के बीच कभी-कभार जर्मन फ़ैंस का एक गुट भी दिख जाता था.

अर्जेंटीना के फ़ैंस की ज़बरदस्त मौजूदगी के बावजूद या फिर शायद इसी वजह से सारा ब्राज़ील जर्मनी का साथ दे रहा था.

रविवार का फ़ाइनल शायद वो फ़ाइनल नहीं था जिसकी कल्पना ब्राज़ील निवासियों ने की थी लेकिन आखिरकार फ़ाइनल के नतीजे ने उन्हें, अपने ही घर में मेहमान होने के दर्द से बचा लिया.

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