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”Share करने के पहले ज्यादातर लोग नहीं करते Fake News का फैक्ट Check”

वॉशिंगटन : अधिकतर लोग किसी सूचना के सही या फर्जी होने की जांच किये बगैर सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. यह जानकारी एक शोध में सामने आयी है. अमेरिका में ओहायो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना (फेक न्यूज के नाम से मशहूर) का पता लगाने के लिए कई […]

वॉशिंगटन : अधिकतर लोग किसी सूचना के सही या फर्जी होने की जांच किये बगैर सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. यह जानकारी एक शोध में सामने आयी है. अमेरिका में ओहायो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना (फेक न्यूज के नाम से मशहूर) का पता लगाने के लिए कई कारकों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसे भी देखें : फेक न्यूज के लिए यूट्यूब और व्हाट्सएप ने उठाये कदम, जानें क्या है फीचर

बिहैवियर एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि कुछ कारकों पर गौर करके यह अनुमान लगाना संभव है कि क्या कुछ लोग कुछ कारकों पर आधारित गलत सूचना साझा कर सकते हैं. ओहायो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम लईक खान ने कहा कि इस अध्ययन से यह समझने में आसानी होगी कि कोई व्यक्ति सैद्धांतिक दृष्टिकोण और सूचना साक्षरता कारकों का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर गलत सूचना साझा क्यों करेगा.

खान ने एक बयान में कहा कि फेक न्यूज और गलत सूचना को हमारे समय का सबसे बड़ा मुद्दा कहा जा सकता है. शोध पूर्वानुमान की जांच के लिए खान ने अमेरिकी रूपरेखा में इंडोनेशिया से आंकड़े जुटाये.

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