अमिताभ कुमार
रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. रांची लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पिछले कई महीनों से कांग्रेस पार्टी लोगों से संपर्क साधने में जुटी हुई है. रांची के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी इस सीट पर दोबारा जीत दर्ज करने के लिए दमखम लगा रहे हैं, हालांकि कांग्रेस इस सीट पर इसबार किसपर भारोसा दिखाएगी यह साफ नहीं है. इस बार खास बात यह है कि झारखंड में कांग्रेस ने 2014 की तुलना में अपने संगठन में कई बदलाव किये हैं. महानगर अध्यक्ष से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में पार्टी ने बदलाव करने का काम किया है.
रांची लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें छह विधानसभा क्षेत्र आता है. ईचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया और कांके. इनमें से ईचागढ़ केवल सरायकेला खरसांवा जिले में आता है, अन्य सभी रांची जिले में ही हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रामटहल चौधरी को 4 लाख 48 हजार 729 वोट मिले थे जबकि झारखंड में कांग्रेस के दिग्गज माने जाने वाले सुबोधकांत सहाय रांची में लगभग सवा दो लाख वोट से हार गये थे. इन वोटों को अपने खाते में लाने के लिए कांग्रेस प्रयासरत है.
इसबार क्या है 2014 से अलग
सोशल मीडिया
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया था. इस बात को कांग्रेस ज्यादा अच्छे से नहीं समझ सकी थी लेकिन 2014 में मिली हार के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर सक्रियता दिखायी और लगभग पार्टी के सभी नेताओं ने फेसबुक और ट्विटर पर अकाउंट बनाए. इन नेताओं में सुबोधकांत का नाम भी आता है. इस दोनों प्लेटफार्म पर उनका अकाउंट है और वे इसके माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हैं. झारखंड कांग्रेस ने भी अपना अकाउंट इन दोनों प्लेटफार्म पर बनाया है जिसके माध्यम से पार्टी अपने कार्यों को जनता तक पहुंचाती है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार भी केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को सोशल मीडिया के माध्यम से घेरते हुए अकसर नजर आते हैं.
स्टार प्रचारक
यूं तो कांग्रेस पार्टी में कई स्टार प्रचारक हैं लेकिन इनमें एक नया नाम इसबार जुड़ा है. जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की जिन्हें पार्टी ने महासचिव का कार्यभार दिया है. उनके बारे में कहा जाता कि उनकी छवि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलती है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका इसबार झारखंड के मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए अपील करने यहां पहुंच सकतीं हैं. इस बार राहुल गांधी भी पार्टी में सक्रिय भूमिका में हैं और अध्यक्ष पद की कमान उन्हीं के हाथ में है. 2 मार्च को उनकी रांची में एक सभा भी है.
महागंठबंधन
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अकेले चुनावी मैदान में दमखम दिखाया था लेकिन इस बार वैसा नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव में महागंठबंधन की गांठ में बंधकर कांग्रेस रांची लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगी. इस महागंठबंधन में जेएमएम, जेवीएम, राजद और सीपीएम जैसे दल शामिल हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में जेवीएम और तृणमूल कांग्रेस ने रांची सीट से अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. तृणमूल कांग्रेस से बंधु तिर्कि उम्मीदवार थे जो फिलहाल जेवीएम का दामन थाम चुके हैं.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी उमंग सिंघार
पिछले दिनों कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार बनायी है. यहां खास बात है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश में जीत दर्ज की और प्रदेश में वन मंत्री का कार्यभार संभाला. उमंग सिंघार की इस जीत से झारखंड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का माहौल है.