छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल को लेकर बुधवार से ही हंगामा मचा हुआ है. राज्य में पेट्रोल और डीजल की कथित कमी के बीच तेज़ी से अफ़वाह फैली कि अगले कुछ सप्ताह छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति के आसार नहीं हैं.
शुक्रवार को बेमेतरा ज़िले में डीजल नहीं मिलने से नाराज़ किसानों ने रायपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को जाम कर दिया है.
किसानों का आरोप है कि ज़िला कलेक्टर ने कथित तौर से पेट्रोल पंप के संचालक को किसानों को प्रति एकड़ केवल 2 लीटर डीजल दिए जाने का आदेश दिया है. अभी धान की बुआई का समय है और किसान डीजल नहीं मिलने से बेहद नाराज़ हैं.
इन अफ़वाहों के कारण शुक्रवार को तीसरे दिन भी राज्य के कई पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं की भीड़ लगी हुई है. कई पेट्रोल पंप अभी भी बंद पड़े हुए हैं तो कुछ इलाक़ों में वाहनों को एक निश्चित मात्रा में ही पेट्रोल दिया जा रहा है.
हालत ये है कि राज्य के कुछ हिस्सों में लोग आधी रात के बाद भी पेट्रोल और डीजल के लिये पेट्रोल पंपों पर लाइन लगा कर खड़े रहे.
‘आपूर्ति लगातार जारी है’
इधर राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बयान ज़ारी करते हुए कहा है कि राज्य में डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति लगातार जारी है, इसलिए उपभोक्ताओं को चिंतित होने अथवा किसी भी प्रकार की अफ़वाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने उपभोक्ताओं से यह भी अपील की है कि वे अफ़वाहों के आधार पर जरूरत से ज्यादा पेट्रोल या डीजल खरीदकर इकट्ठा न करें.
राज्य में डीजल और पेट्रोल का कारोबार तीन पेट्रोल कंपनियां करती हैं.
तीनों तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि जिन पेट्रोल पंप संचालकों ने तेल लेने के लिए डिपो में अपने वाहन लगा दिए हैं, उन्हें तत्काल आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा ज़िला कलेक्टरों को सरकार की ओर से एक परिपत्र जारी कर कहा गया है कि हर ज़िले में डीजल-पेट्रोल के स्टॉक की ताज़ा स्थिति की जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के सहयोग से आम जनता को दी जाए.
स्थिति के सामान्य होने का दावा
सरकार के परिपत्र में कलेक्टरों को यह भी कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी रिटेल आउट लेट्स में सिर्फ़ वाहनों को ही पेट्रोल अथवा डीजल दिया जाएं.
पेट्रोल पंपों का आकस्मिक निरीक्षण कर स्टॉक की जानकारी ली जाए और जमाखोरी करने अथवा स्टाक उपलब्ध होने के बावजूद विक्रय नहीं करने वाले पम्प मालिकों के ख़िलाफ़ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए.
छत्तीसगढ़ में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक प्रसन्ना आर के अनुसार, "हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की विशाखापट्टनम तेल रिफायनरी से छत्तीसगढ़ को आपूर्ति में कुछ व्यवधान हुआ है. जिसके कारण राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हुई है. लेकिन हालात ऐसे नहीं हैं कि राज्य में पेट्रोल या डीजल की कमी हो गई हो."
प्रसन्ना का दावा है कि इस सप्ताह के अंत तक स्थिति सामान्य हो जाएगी.
सरकार और तेल कंपनियों की मानें तो छत्तीसगढ़ में हर दिन औसतन 43 लाख 20 हजार लीटर डीजल और 11 लाख 70 हजार लीटर पेट्रोल की खपत होती है.
गड़बड़ी कहां हुई?
हालांकि सरकार का कहना है कि राज्य में खपत के मुकाबले पेट्रोल डीजल का स्टॉक अभी भी पर्याप्त है.
तो फिर गड़बड़ी कहां हुई? इस सवाल के जवाब में रायपुर के एक पेट्रोल पंप मालिक कहते हैं, "सरकारी अफ़सर जो भी दावा करें लेकिन हमें तो पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पिछले चार दिनों से कम हो रही है. राज्य में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई में कमी हुई है, इसे सरकारी आंकड़ों में भी देखा जा सकता है."
बिलासपुर के एक पेट्रोल पंप पर आधे घंटे से लाइन में खड़े संजीव अग्रहरि का कहना है कि वे शहर के तीन पेट्रोल पंपों पर घूम आए हैं, जहां पेट्रोल नहीं है. इसके बाद उन्हें मज़बूरी में चौथे पेट्रोल पंप पर आना पड़ा है.
रिफायनरी से पेट्रोल-डीजल की निर्बाध आपूर्ति, सरकारी परिपत्र, मुख्यमंत्री के बयान और कलेक्टरों की कार्रवाई के ग्रामीण इलाक़ों में पहुंचने में कुछ समय तो लगेगा और तब तक पेट्रोल डीजल को लेकर राज्य में स्थिति सामान्य हो पाएगी, इसकी उम्मीद कम ही है.
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