इस्लामाबाद : पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान से पहली औपचारिक बैठक की और देश की सुरक्षा स्थिति तथा क्षेत्र में दीर्घावधि शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, बाजवा ने यहां प्रधानमंत्री कार्यालय में आयेाजित बैठक के दौरान प्रधानमंत्री खान को शीर्ष पद संभालने के लिए बधाई दी. प्रधानमंत्री खान और सेना प्रमुख ने देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. खान के 18 अगस्त को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इन दोनों के बीच यह पहली बैठक थी. बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्र में दीर्घावधि शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के उनके प्रयास कायम रखने का संकल्प लिया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में इस नजरिये के बीच जीत दर्ज की थी कि पाकिस्तान की राजनीति में दखल रखनेवाली सेना ने उनकी पार्टी का समर्थन किया था.
जिस तरह से चुनाव मेंपर्दे के पीछे से इमरान की पार्टीको सेना का समर्थन प्राप्त था, इससे साफ था कि पाकिस्तान की आगे की राजनीति सेना के कंधे पर चलेगी. और, यह सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं हो रहा है, बल्कि पूरे विश्व में दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी विचारधारा का वर्चस्व बढ़ रहा है, जिसका इस्तेमाल चुनावों में हो रहा है. पाकिस्तान चुनाव में बड़े पैमाने पर जोड़-तोड़ हुई है. इसमें शुरू से ही सीधा-सीधा फौज का हाथ रहा.
यह सिर्फ चुनावों की बात नहीं है, बल्कि बहुत पहले, जब टिकट दिये जा रहे थे, तब नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) या फिर दूसरी कई पार्टियों के नेताओं को डरा-धमकाकर चुनाव लड़ने से सेना ने रोक दिया था, या उनको मजबूर किया कि इमरान खान की पार्टी या उनके समर्थनवाली किसी पार्टी से वे चुनाव लड़ें. इन सब घटनाओं के मद्देनजर वहां चुनाव का माहौल ऐसा बना दिया गया था कि लगे कि हर आदमी इमरान खान की पार्टी (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई) का समर्थन कर रहा है.