7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नरेंद्र मोदी की रचनाएं उनके अंतर्मन पर खुली खिड़कियां

कल देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर विचारों का जितना ध्रुवीकरण है, उतना सार्वजनिक जीवन में सक्रिय किसी और व्यक्ति को लेकर शायद ही कभी रहा हो. उनकी छवि को लेकर परस्पर विरोधी विचारों के बीच खाई बहुत गहरी है. ऐसे में निदा फाजली […]

कल देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर विचारों का जितना ध्रुवीकरण है, उतना सार्वजनिक जीवन में सक्रिय किसी और व्यक्ति को लेकर शायद ही कभी रहा हो. उनकी छवि को लेकर परस्पर विरोधी विचारों के बीच खाई बहुत गहरी है.

ऐसे में निदा फाजली की ये पंक्तियां सूत्र-वाक्य बन जाती हैं- ‘हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी / जिसको भी देखना हो कई बार देखना.’ मोदी ने लेख, जीवनियां और कुछ जरूरी मसलों पर किताबें लिखी हैं, जिनके जरिये हम उनके राजनीतिक व प्रशासनिक जीवन को बहुत हद तक समझ सकते हैं, लेकिन व्यक्ति के रूप में उनकी सोच व संवेदनशीलता को समझने की एक कुंजी उनकी कहानियां और कविताएं भी हैं. रविवार के इस अंक में साहित्यकार के रूप में उनके आकलन की एक कोशिश के साथ उनकी एक कहानी और तीन कविताएं प्रस्तुत की जा रही हैं..

संस्कृत काव्यालोचना के प्राचीन विद्वान मम्मट ने कवि की रचना के बारे में कहा है कि वह नियतिकृत, नियमरहित और आनंददायिनी है. आधुनिक साहित्यालोचना के मर्मज्ञ आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कविता को इन शब्दों में परिभषित किया है- ‘जिस प्रकार आत्मा की मुक्तावस्था ज्ञानदशा कहलाती है, उसी प्रकार हृदय की मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है.

हृदय की इसी मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द-विधान करती आयी है, उसे कविता कहते हैं.’ प्रख्यात कवि व समीक्षक अशोक वाजपेयी की दृष्टि में कविता अनंत पर खुली खिड़की है. अंगरेजी के महान कवि इलियट के लिए तो कविता व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि व्यक्तित्व से पलायन है. प्रश्न यह है कि उस कवि की कविताओं को किन प्रतिमानों व मानदंडों पर परखा जाये, जो अपनी रचनाओं में किसी असाधारण साहित्यिक विशिष्टताओं के होने का दावा नहीं करता और उन्हें ‘किसी झरने के ताजा पानी की तरह विचारों का प्रवाह मानता है.

नरेंद्र मोदी के लिए उनकी कविताएं उनके द्वारा देखी, अनुभव की गयीं और कभी-कभार कल्पित की गयीं स्थितियों, घटनाओं, व्यक्तियों व वस्तुओं की भावाभिव्यक्ति हैं. वे कहते हैं कि अगर इस झरने के गिरते जल की कोमल ध्वनि पाठकों के मन में गुंजती है और हृदय को छूती है, तो वे रचनाकार के रूप में स्वयं को धन्य मानेंगे. कोई और रचनाकार होता, तो शायद साहित्य के आलोचक व समीक्षक इतने से संतुष्ट हो सकते थे, लेकिन कवि और कहानीकार होने के साथ वे राजनेता भी हैं और उनकी छवि शानदार लोकप्रियता और विद्वेष तक पहुंचते विरोध के दो विपरीत छोरों के बीच पसरी है तथा वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के रूप में करोड़ों लोगों के जीवन व भविष्य का निर्धारक होने जा रहे हैं. ऐसे में उनकी रचनाओं को सिर्फ पढ़ कर किनारे नहीं रखा जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें