पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से जुड़ी ख़बरों के अलावा इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी रेहाम ख़ान भी सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात करते हैं चुनाव की. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार 25 जुलाई को पाकिस्तान में संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव होंगे.
पाकिस्तान के क़ानून के मुताबिक़ वहां एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री और राज्यों में कार्यवाहक मुख्यमंत्रियों की निगरानी में चुनाव कराए जाते हैं.
पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नासिरुल मुल्क को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया है जिनकी निगरानी में चुनाव कराए जाएंगे.
मौजूदा सरकार का कार्यकाल 31 मई को ख़त्म हो गया और कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने एक जून को अपना पदभार भी संभाल लिया.
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होंगे आम चुनाव
समय पर होंगे चुनाव
अख़बार जंग के मुताबिक़ पदभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जस्टिस नासिरुल मुल्क ने कहा कि चुनाव अपने समय पर ही होंगे और वो इस काम में चुनाव आयोग को पूरा समर्थन देंगे.
अख़बार के अनुसार कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना उनकी पहली प्राथमिकता है.
दरअसल कार्यवाहक प्रधानमंत्री का ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा था कि कुछ लोग चुनाव को स्थगित कराना चाहते हैं.
अख़बार दुनिया के मुताबिक़ इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए नवाज़ शरीफ़ ने कहा था, ‘अब भी कुछ लोग चुनाव को स्थगित कराना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे. हमें एक घंटे की भी देरी मंज़ूर नहीं. झूठे ख़ान (इमरान ख़ान) ने ख़ैबर पख़्तूख़्वाह को बर्बाद कर दिया. सब जानते हैं कि अब केपी में चुनाव हुए तो मुस्लिम लीग (नून) ही जीतेगी.’
निष्पक्ष चुनाव हों
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के अध्यक्ष इमरान ख़ान ने स्पष्ट किया कि वो भी चाहते हैं कि चुनाव समय पर हों और निष्पक्ष हों.
अख़बार दुनिया के मुताबिक़ लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान इमरान ख़ान ने कहा, ‘दुनिया में कहीं भी कार्यवाहक सेट अप नहीं होता क्योंकि उनकी संस्थाएं बहुत मज़बूत होती हैं. उनका चुनाव आयोग इतना मज़बूत होता है कि उनको कार्यवाहक सिस्टम की ज़रुरत ही नहीं पड़ती. हमारा मक़सद है कि न्यूट्रल अंपायर चुनाव कराए.’
चुनाव से जुड़े एक अहम मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विदेश मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ पर चुनाव लड़ने पर लगी आजीवन पाबंदी को ख़त्म कर दिया है.
अख़बार एक्सप्रेस के मुताबिक़ इस्लामाबाद हाइकोर्ट ने ख़्वाजा आसिफ़ पर पाबंदी लगा दी थी कि वो ज़िंदगी भर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. उन पर आरोप था कि मंत्री रहते हुए भी वो एक विदेशी कंपनी में काम करते थे और वहां से पैसे लेते थे.
ख़्वाजा आसिफ़ ने इस फ़ैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने उनको राहत देते हुए उन पर लगी पाबंदी हटा ली और अब वो चुनाव लड़ सकते हैं.
दुर्रानी के ख़िलाफ़ कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी का गठन
पाकिस्तान में इन दिनों दो किताबों की ख़ूब चर्चा हो रही है.
पहली किताब है ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूजन ऑफ़ पीस’.
भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख ले.ज (सेवानिवृत) असद दुर्रानी ने मिलकर ये किताब लिखी है.
इस किताब में करगिल युद्ध, पाकिस्तान के एबटाबाद में अमरीकी नेवी सील्स का ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपरेशन, कुलभूषण जाधव की गिरफ़्तारी, हाफ़िज़ सईद, कश्मीर, बुरहान वानी वग़ैरह मुद्दों पर बातचीत की गई है.
अख़बार जंग के मुताबिक़ पाकिस्तानी सेना का कहना है कि किताब में लिखी कई बातें हक़ीक़त से कोसों दूर हैं और इसलिए लेफ़्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए 28 मई को सेना मुख्यालय तलब किया गया था. लेकिन उनके जवाब से सेना संतुष्ट नहीं थी और सेना से जनरल दुर्रानी के ख़िलाफ़ कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी का गठन कर दिया है.
रेहाम ख़ान की आत्मकथा
दूसरी किताब और भी ज़्यादा चर्चा में है हालांकि वो अभी तक प्रकाशित भी नहीं हुई है.
ये किताब है पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के प्रमुख इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी रेहाम ख़ान की आत्मकथा.
अख़बार जंग के मुताबिक़ रेहाम ख़ान अगले हफ़्ते लंदन में अपनी किताब रिलीज़ करेंगी. अख़बार के मुताबिक़ इस सिलसिले में उन्होंने अमरीका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक़्क़ानी से लंदन में मुलाक़ात की है और उस मुलाक़ात की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तानी राजनीति पर नज़र रखने वाले लोगों का मानना है कि इस किताब के सामने आने से इमरान ख़ान को राजनीतिक धक्का लगेगा और 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव को देखते हुए ही इस किताब को रिलीज़ किया जा रहा है.
लेकिन किताब रिलीज़ होने से पहले ही पाकिस्तानी टीवी के एक कलाकार और पीटीआई के सदस्य हमज़ा अब्बासी ने दावा किया है कि उन्होंने ये किताब पढ़ ली है.
हमज़ा अब्बासी ने ट्वीट किया है, मैंने किताब पढ़ ली है. इसका ख़ुलासा ये है कि ‘इमरान ख़ान इस धरती पर जन्म लेने वाला सबसे बड़ा शैतान है जबकि रेहाम ख़ान एक धार्मिक महिला हैं और शहबाज़ शरीफ़ एक अच्छे इंसान हैं.’
रेहाम ख़ान ने इस पर पलट कर जवाब देते हुए ट्वीट किया, ‘या तो उन्होंने किताब के मसौदे की चोरी की है या फिर कोई फ़्रॉड किया है.’
हालांकि रेहाम ख़ान पहले ही कह चुकी हैं कि इस किताब में उनकी पिछली ज़िंदगी से जुड़ी तमाम बातों का ज़िक्र होगा, सिर्फ़ इमरान ख़ान से उनकी शादी और फिर तलाक़ का ज़िक्र नहीं होगा.
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