।। दक्षा वैदकर ।।
साक्षी अपने कॉलेज में सभी की चहेती थी. उसके स्टाइलिश ड्रेसेज, हेयर स्टाइल, मैचिंग चीजों के कलेक्शन की सभी लड़कियां तारीफ करती थीं. वह रोजाना कॉलेज सज-धज कर जाती थी. ग्रेजुएशन के बाद उसकी नौकरी लग गयी. उसने वहां भी उन्हीं ड्रेसेज को, मैचिंग चीजों को पहनना जारी रखा. वह काम भी सामान्य ही कर रही थी. एक दिन उससे कोई गलती हो गयी.
ऑफिस में सभी के सामने बॉस ने उसे गलती के लिए डांटा और गुस्से में यह भी कह दिया कि ‘जितना वक्त मेकअप करने और सजने-धजने में लगाती हो, उतना काम पर फोकस करोगी, तो बेहतर होगा.’ उसे यह बात बहुत बुरी लगी. उसने यू-ट्यूब पर वीडियो सर्च किया और जाना कि ऑफिस का ड्रेसअप कैसा हो. इसके बाद उसने खुद को सोबर लुक में डाला. साथ ही चैलेंजिंग कामों को लेना शुरू किया. अब उसकी हर जगह तारीफ होती है. सभी यह कहते हैं कि साक्षी का ध्यान केवल काम में है.
कई लड़कियां इस किस्से पर कहेंगी कि मेकअप करना लड़कियों का अधिकार है, इस पर ताना नहीं मारना चाहिए. लेकिन एक बात यह भी है कि मेकअप व ड्रेसअप जगह के मुताबिक होना चाहिए. यदि आपका परफॉर्मेस बहुत अच्छा है, तो शायद कोई आपके मेकअप व स्टाइलिश ड्रेसेज पर ताना नहीं भी मारे, लेकिन अगर आपका ऑफिस में काम कमजोर है, तो आप पर फब्तियां कसने वाले बड़ी आसानी से मौका तलाश लेंगे.
साथियो, लड़कियों के लिए नौकरी करना आज भी आसान नहीं है.
उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और अपने व्यवहार में तेजी से बदलाव लाना पड़ता है. कई बार हम ऑफिस में आसान काम चुनते हैं, थोड़ा-सा चैलेंजिंग काम दे दिये जाने पर हम परेशान हो जाते हैं. हमें लगता है कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है. हमारे इसी व्यवहार की वजह से आसपास के लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं. उन्हें लगता है कि महिलाएं चूड़ी, बिंदी, पाउडर, लिपस्टिक के अलावा कुछ नहीं कर सकतीं. आज वक्त आ गया है कि हम काम पर अधिक फोकस करें. कठिन काम खुद आगे बढ़ कर लें.
बात पते की..
– आप सज-धज कर जायेंगी, तो लोग अंदाजा लगायेंगे कि इसने मेकअप में कितने घंटे लगाये. इससे जाहिर होगा कि आपका फोकस लुक्स पर हैं.
– ऑफिस में आगे बढ़-बढ़ कर चैलेंजिंग काम लें. आप लड़की हैं इसलिए आपको जल्दी घर जाना चाहिए, यह जरूरी तो नहीं है.