पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और आसपास के इलाक़ों में मंगलवार शाम अचानक आए तेज़ तूफ़ान की वजह से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है.
कोलकाता में मौजूद बीबीसी संवाददाता अमिताभ भट्टासाली को आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष ने इन मौतों की जानकारी दी है.
आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के मुताबिक चार मौतें कोलकाता ज़िले में हुई हैं जबकि पांच लोग हावड़ा ज़िले में मारे गए हैं. इसके अलावा बांकुरा और हुगली में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
https://twitter.com/anzanghosh/status/986261479174291458
https://twitter.com/amritabasu22/status/986277484181184512
तेज़ हवाओं का नहीं था अंदाज़ा
मौसम विभाग ने तूफ़ान के बारे में चेतावनी दी थी लेकिन लोगों को ये अंदाज़ा नहीं था कि हवाएं इतनी तेज़ चलेंगी.
मौसम विभाग के मुताबिक शाम 7 बजकर 50 मिनट पर आए तूफ़ान के दौरान हवाओं की गति 85 किलोमीटर प्रतिघंटा से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच थी.
दस मिनट के अंतराल में दो बार तेज़ हवाएं चलीं जिससे कोलकाता और आसपास के इलाक़ों में डर का माहौल भी बन गया.
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ये कोलकाता में बीते सात दशकों में आया सबसे तेज़ तूफ़ान बताया जा रहा है.
जिस समय ये तूफ़ान आया लोग दफ़्तरों से अपने घरों को लौट रहे थे.
रास्तों पर सैकड़ों पेड़ गिर जाने की वजह से यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा. लोगों ने यातायात की दिक्कतों के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा है.
अभिषेक ने लिखा, "बीते ढाई घंटों में सिर्फ़ 15 किलोमीटर ही चल सका. बीते आधे घंटे से एक ही जगह पर अटका हूं."
https://twitter.com/abhishek2526/status/986318789502386176
https://twitter.com/JayJC1803/status/986281022093447168
बीबीसी संवाददाता अमिताभ भट्टासालीके मुताबिक अधिकतर मौतें पेड़ और पुराने मकान गिरने की वजह से ही हुई हैं.
वहीं बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति की मौत बिजली गिरने की वजह से भी हुई है.
तूफ़ान के कारण शहर के कई इलाक़ों में अंधेरा छा गया. बेहद व्यस्त रहने वाले हावड़ा स्टेशन की बिजली भी कुछ देर के लिए बंद करनी पड़ी.
तूफ़ान के बाद मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित रहे. लोग इस बारे में सोशल मीडिया पर भी लिख रहे हैं.
https://twitter.com/VineetSRathore/status/986316616408358912
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