तमिलनाडु पुलिस ने वेल्लूर ज़िले में पेरियार की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक दोनों लोग नशे की हालत में थे.
पुलिस अधीक्षक पगलवन ने बीबीसी को बताया कि रात नौ बजे के करीब पुलिस को जानकारी मिली कि वेल्लूर के तिरुपत्तूर तालुका में दो लोग पेरियार की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने मूर्ति के चेहरे को हथोड़े की चोट से तोड़ दिया था.
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक पेरियार के संगठन द्रविड़ कणगम और डीएमके के कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें मूर्ति पर चोट करते देखा और पकड़कर स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया.
गिरफ़्तार लोगों में से एक का नाम मुरुगानंदम है. वो वेल्लूर में बीजेपी के शहर महासचिव हैं. दूसरे व्यक्ति का नाम फ्रांसिस है और वो कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता हैं.
फ़ेसबुक पोस्ट पर विवाद
इस घटना के पहले मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सचिव एच राजा की एक फ़ेसबुक पोस्ट पर विवाद शुरु हो गया था.
राजा ने फ़ेसबुक पर लिखा था कि ‘त्रिपुरा में जिस तरह लेनिन की मूर्तियां तोड़ी गईं, एक दिन तमिलनाडु में उसी तरह पेरियार की मूर्तियां तोड़ी जाएंगी’.
विवाद होने पर उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.
सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे एक वीडियो में त्रिपुरा के बेलोनिया शहर के सेंटर ऑफ कॉलेज स्कॉयर में खड़ी लेनिन की प्रतिमा को जेसीबी मशीन से गिराते देखा जा सकता है.
इस वीडियो में प्रतिमा गिरने का जश्न मनाते दिख रहे लोगों ने बीजेपी की टोपी पहनी हुई है. हालांकि, त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बीबीसी संवाददाता सलमान रावी से बातचीत में दावा किया कि इस घटना से भारतीय जनता पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं का कोई संबंध नहीं है.
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सुरक्षा कड़ी
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर इस घटना की निंदा की है.
उन्होंने लिखा, " बीजेपी नेतृत्व की गरीब विरोधी, दलित विरोधी, महिला विरोधी मानसकिता एक बार फिर उजागर हुई है. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने परियार को अपशब्द कहे और उनकी मूर्ति तोड़ने की अपील की और वेल्लूर में बीजेपी नेताओं ने पेरियार की मूर्ति को तोड़ दिया. ये घृणित और अस्वीकार्य है."
वहीं तमिलनाडु पुलिस ने वेल्लूर समेत पूरे राज्य में पेरियार की मूर्तियों की सुरक्षा बढ़ा दी है.
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