।। दक्षा वैदकर।।
एक महिला मित्र को मुंबई से जॉब का ऑफर आया. वह बड़ी खुश हुई. जब उसके दोस्तों को यह बात पता चली, तो कुछ तो खुश हुए, लेकिन कुछ ने डराना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मुंबई में लड़की का रहना सुरक्षित नहीं है. वहां का माहौल तुम्हें बिलकुल पता नहीं है. लोग इतने चालाक हैं कि आपको कब उल्लू बना कर रुपये हड़प लेंगे, पता ही नहीं चलेगा. वहां कोई मदद भी नहीं करता. बहुत फास्ट लाइफ है वहां. लोकल ट्रेनों से सफर करना पड़ता है खड़े-खड़े. तुम ये सब नहीं कर पाओगी.’ मेरी दोस्त बहुत डर गयी, लेकिन ऑफर अच्छा था, तो डरते-डरते मुंबई पहुंच ही गयी. वहां जा कर उसने माहौल बिलकुल अलग पाया. आज वह उस कंपनी में अच्छी-खासी पोस्ट पर है. आज वह सोचती है कि अगर उसने अपने उन दोस्तों की बातों को मान लिया होता, तो कितने बड़े नुकसान में होती.
हमारे आसपास बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो सोचते हैं कि दूसरों के सपनों को रौंदना मजेदार काम है. यह दुनिया सपने रौंदने वाले लोगों से भरी पड़ी है. उनमें से कई ईष्र्या के चलते दूसरों के सपनों को चकनाचूर करते हैं, क्योंकि उनके पास खुद के सपने ही नहीं होते. ऐसे लोगों के कारण निराश न हों. अपने सपनों के प्रति वफादार रहें. अपने सपनों के लिए जोखिम लें. सपनों को हकीकत में बदलें. कल्पना करें कि आप उस लक्ष्य को हासिल करने में कितना अच्छा महसूस करेंगे, जिसके बारे में सभी कह रहे थे कि आप उसे हासिल नहीं कर सकते.
किसी महान व्यक्ति ने कहा था, ‘ऐसे लोगों की कभी कमी नहीं रहती है, जो साइडलाइन पर खड़े हो कर आपको कहते हैं, ‘यह काम नहीं किया जा सकता.’ ऐसे बहुत से लोग हैं, जो सोचते हैं कि यह बता कर वे आप पर एहसान कर रहे हैं. कई बार तो उन्हें यह बात शब्दों में बताने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. उनकी आंखों का भाव या उनकी आवाज की टोन ही आपको हताश करने के लिए पर्याप्त होती है. ऐसे लोगों की बातें न सुनें. उनकी आलोचना या अस्वीकृति से न डरें. उन्हें अपने डर आपके दिमाग में न बोने दें.
बात पते की..
अगर आपके पास सपना है, तो उस पर यकीन करने की हिम्मत करें. उस पर मेहनत करें. उसे हकीकत में बदलने की हिम्मत करें.
अगर भगवान ने आपके अंदर सपनों की मशाल जलायी है, तो उसे किसी और को बुझाने न दें. खुद पर भरोसा करें. कड़ी मेहनत करें.