11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा, एक की मौत

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर शुक्रवार को निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हुई एक झड़प ने हिंसक रुप ले लिया. पुलिस के हवाले आई रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा में एक युवक की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार के मुताबिक […]

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर शुक्रवार को निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हुई एक झड़प ने हिंसक रुप ले लिया.

पुलिस के हवाले आई रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा में एक युवक की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार के मुताबिक इस घटना के बाद करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है और कासगंज में क़र्फ्यू लगा दिया गया है.

रिपोर्टों के मुताबिक कासगंज में कुछ युवक मोटर साइकिलों पर सवार होकर तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे. जब यात्रा बड्डू नगर इलाक़े से गुज़र रही थी तो यात्रा में शामिल युवकों की किसी बात पर मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों से कथित तौर पर झड़प हो गई. यही झड़प कुछ ही देर में भीषण हिंसा में तब्दील हो गई.

कुछ ही देर बाद कासगंज के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. वहां मौजूद अलीगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक संजीव कुमार ने पत्रकारों को बताया, "सुबह प्रभात फेरी निकल रही थी, उस पर कुछ लोगों ने पथराव किया, उसी के बाद हिंसा भड़की."

बताया जा रहा है कि पथराव शुरू होने के बाद जुलूस निकाल रहे युवक मोटरसाइकिलों को मौक़े पर ही छोड़कर भाग निकले. इसके बाद इन युवकों में भी आक्रोश भड़क गया, कई वाहनों पर पथराव किया गया और पत्थरबाज़ी भी हुई.

उत्तर प्रदेश में क्या वाक़ई ज़रूरी है योगी का यूपीकोका?

क़र्फ्यू लागू

घटना के बाद कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली का घेराव किया और नारेबाज़ी की. उसके बाद शहर में कई और जगहों पर भी पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं.

स्थानीय पत्रकार अशोक कुमार के मुताबिक इस दौरान हुई फ़ायरिंग में शहर के नदरई गेट निवासी एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. घटना में कई और लोग भी घायल हुए हैं.

राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि क़रीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

उनके मुताबिक फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है और कासगंज में कर्फ़्यू लगा दिया गया है. बड़ी संख्या में पुलि बल के अलावा आरएफ़ और पीएसी के जवान भी तैनात किए गए हैं.

पुलिस से मारपीट, 14 हिंदूवादी कार्यकर्ता गिरफ़्तार

दो दिन से था तनाव

स्थानीय लोगों के मुताबिक इस इलाक़े में पहले भी सांप्रदायिक संघर्ष की घटनाएं हो चुकी हैं और ये इलाक़ा बेहद संवेदनशील माना जाता है. स्थानीय पत्रकार अशोक कुमार बताते हैं कि तनाव पिछले दो तीन से ही दिख रहा था लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

अशोक कुमार के मुताबिक 1993 में भी यहां एक छोटी सी झड़प ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था और बाद में इसी वजह से राज्य के दूसरे हिस्सों में भी दंगे हुए थे.

इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री ने भी घटना की निंदा की करते हुए अधिकारियों को स्थिति पर नज़र रखने के निर्देश दिए हैं. घटना की सूचना के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा कई राजनीतिक दलों के लोग भी वहां पहुंच गए.

21 दिनों की कशमकश के बाद यूपी को मिला पुलिस महानिदेशक, कहां फंसा था पेंच?

उत्तर प्रदेश में रेप पीड़िता पर हुआ एसिड अटैक

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

]]>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें