इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने डेमर-भाषा डैम के लिए 14 अरब डॉलर की चीनी मदद की पेशकश को ठुकरा दिया है जिसे ओबीओआर के झटके के तौर पर देखा जा रहा है. पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. यही नहीं, इस्लामाबाद ने चीन से कहा है कि वह 60 अरब डॉलर के सीपीइसी प्रॉजेक्ट से इस डैम प्रॉजेक्ट को बाहर रखे. पाकिस्तान ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट को हमें ही बनाने दें जो पीओके में स्थित है. आपको बता दें इस क्षेत्र पर भारत अपना दावा करता है.
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OBOR को झटका! पाकिस्तान ने ठुकरायी डैम के लिए चीनी मदद की पेशकश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने डेमर-भाषा डैम के लिए 14 अरब डॉलर की चीनी मदद की पेशकश को ठुकरा दिया है जिसे ओबीओआर के झटके के तौर पर देखा जा रहा है. पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. यही नहीं, इस्लामाबाद ने चीन से कहा है कि […]
यहां उल्लेख कर दें कि एशियन डिवेलपमेंट बैंक ने डैम प्रॉजेक्ट के लिए कर्ज देने से मना कर दिया था क्योंकि यह विवादित इलाके में बनाया जा रहा है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा है कि चीन की कंपनियों द्वारा बेहद कड़ी शर्तों को मानने के बजाए पाकिस्तान को इस प्रॉजेक्ट में खुद का पैसा लगाना अच्छा लग रहा है.
पाकिस्तान स्थित सूत्रों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता इस प्रॉजेक्ट की फंडिंग के लिए तमाम कड़ी शर्तें पाकिस्तान पर थोप रहे हैं जिस वजह से प्रॉजेक्ट पर आनेवाला खर्च बढ़कर 14 अरब डॉलर हो गया है. शुरुआत में इस प्रॉजेक्ट पर 5 अरब डॉलर का खर्च आने का अनुमान था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वॉटर ऐंड पावर डिवेलपमेंट अथॉरिटी के सदर मुजम्मिल हुसैन के हवाले से कहा कि ‘डेमर-भाषा डैम के लिए आर्थिक मदद की चीन की शर्तें मानना काफी कठिन है जो हमारे हितों के खिलाफ थीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने देश के अपने संसाधनों और धन के जरिए डैम बनाने की एक योजना को मंजूरी दे दी है.
पूरे मामले की जानकारी रखनेवाले पेइचिंग के सूत्रों ने पाकिस्तान के इस रुख को चौंकानेवाला बताया है. इनमें से कुछ तो इस रिपोर्ट को मानने को ही तैयार नजर नहीं आ रहे हैं. वे कहते हैं कि पाकिस्तान चीन के अधिकारियों के साथ चर्चा के बिना इस तरह का कदम नहीं उठा सकता. पेइचिंग बेस्ड एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान चीन की पेशकश को ठुकराने का जोखिम नहीं उठा पाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सीपीइसी का महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट भी अछूता नहीं रहेगा.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने मामले को लेकर एक खबर छापी है जिसमें अखबार से एक विशेषज्ञ ने बताया कि मुझे लगता है कि अगर फंडिंग की शर्तों से पाकिस्तान नाखुश था तो इस्लामाबाद में मौजूद चीनी राजनयिकों को इस बात की जानकारी रही होगी और उन्होंने पेइचिंग को आगाह किया होगा. हालांकि ऐसा नहीं लगता क्योंकि पाकिस्तान के योजना मंत्री ने कुछ दिनों पहले ही इस डैम समेत कई डैम प्रॉजेक्ट्स के लिए चीन से मदद की गुहार लगायी थी.
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