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बेंगलुरु में गाय बचाने वाली महिला पर जानलेवा हमला

बेंगलुरु पुलिस ने एक महिला और पुरुष पर हमला करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ़्तार किया है. 45 वर्षीय नंदिनी एम और 30 साल की रिजिल ने शहर के बाहरी इलाक़े में चल रहे एक बूचड़खाने की पुलिस में शिकायत की थी. महिला ने पुलिस से शिकायत की थी कि "तीन गायों को […]

बेंगलुरु पुलिस ने एक महिला और पुरुष पर हमला करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ़्तार किया है.

45 वर्षीय नंदिनी एम और 30 साल की रिजिल ने शहर के बाहरी इलाक़े में चल रहे एक बूचड़खाने की पुलिस में शिकायत की थी.

महिला ने पुलिस से शिकायत की थी कि "तीन गायों को एक कमरे में बंद रखा गया है" जो "बीफ़ की दुकान के पास" है.

पुलिस ने इसके आधार पर तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है.

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चार अन्य लोगों को नंदिनी और रिजिल पर हमला करने के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.

नंदिनी के सिर और सीधे हाथ की कोहनी में चोट आई है तो वहीं रिजिल को हल्की चोटें आई हैं. इनकी कार पर भारी-भारी पत्थरों से हमला किया गया था. कार की विंड स्क्रीन पूरी तरह से चकनाचूर हो गई थी.

पुलिस ने गायों को बचाए जाने और हमला होने की घटना की पुष्टि की है. लेकिन इस हमले की स्थितियों को लेकर विरोधाभास हैं.

नंदिनी ने बीबीसी हिंदी से बात करते हुए कहा, "हम अपनी कार से दक्षिणी बंगलुरु के टीपू सर्कल से गुजर रहे थे तभी हमने देखा कि बीफ़ की दुकान की तरफ 14 गायों को ले जाया जा रहा है. जब हमने गाड़ी रोककर जांच की तो पाया कि अवैध बूचड़खाना चल रहा था. फिर हमने पुलिस में शिकायत की."

इस शिकायत को लिखाने वाली नंदिनी की दोस्त पुष्पा कहती हैं कि उन्हें किसी तरह की पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली है.

हमें दो घंटों तक बताया गया कि 15-20 लोग जानवरों को बचाने के लिए घटनास्थल पर गए हैं. हमने सोचा कि शायद पुलिसवालों को वो जगह नहीं मिली होगी."

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नंदिनी ने बीबीसी हिंदी से बात करते हुए कहा, "हमने पुलिस से कहा कि हमारे साथ कुछ लोगों को भेजिए ताकि हम पुलिस की मदद कर सकें. हमारे साथ दो कांस्टेबल भेजे गए. लेकिन जब हम वहां पहुंचे तो वहां 30-40 लोग मौजूद थे. हमने सोचा कि पुलिसकर्मी पहुंच चुके होंगे. लेकिन जब हम करीब पहुंचे तो वहां पुलिसवाले नहीं थे और लोगों ने हम पर बड़े पत्थरों से हमला कर दिया."

"हम सिर्फ भगवान की कृपा से ज़िंदा हैं क्योंकि हम तेजी से बाहर निकले और कई दो पहिया और चार पहिया गाड़ियां हमारा पीछा कर रही थीं."

लेकिन पुलिस कोई और ही कहानी बयां करती है. पुलिस ने अवैध बूचड़खाने को लेकर शिकायत दर्ज कराए जाने की पुष्टि की है.

दक्षिणी बेंगलुरु के डीसीपी एस डी शारानप्पा ने बीबीसी हिंदी से इस मुद्दे पर बात की है.

उन्होंने कहा, "इनकी शिकायत की प्रामाणिकता जांचने के लिए होयसाला पुलिस पेट्रोल की गाड़ी शिकायतकर्ताओं के साथ गई थी. वहां पर कई लोग जमा थे और पुलिस की गाड़ी वापस आ गई. वहां पर मारपीट और हमले जैसी कोई घटना नहीं हुई. इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर ने जाकर तीन जानवरों को बचाया."

"कुछ देर बाद नंदिनी और रिजिल पुलिस स्टेशन से निकल गए. घटनास्थल के पास उनकी मुलाकात पुलिस कांस्टेबल से हुई जिन्होंने उन्हें आगे नहीं जाने की सलाह दी. लेकिन इसके बावजूद ये लोग दूसरे रास्ते से घटनास्थल पर गए. इसके बाद इनकी कार एक ऑटो रिक्शा और बिजली के खंभे से टकरा गई. इसके बाद ही पत्थरबाजी शुरू हुई."

पुलिस अधिकारी ने कहा है कि शिकायतों को दर्ज करके कार्रवाई शुरू हो चुकी है. हालांकि, नंदिनी को लगता है कि पुलिस अवैध काम करने वालों के साथ मिली हुई है.

वे कहती हैं, "ये हम पर एक सुनियोजित हमला है. हम लोगों को साफ़ तौर पर पुलिस ने फंसाया था. जब हम चोटिल होकर वापस लौटे तो हमारी शिकायत दर्ज करने की जगह पुलिस अधिकारी हम पर चिल्लाते हुए क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की बात कहने लगे."

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