वाशिंगटन : भारतीय सॉफ्टवेयर पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच-1बी कार्य वीजा प्रक्रिया में तेजी लाने की अमेरिका ने घोषणा की है. उच्च कुशलता प्राप्त विदेशी पेशेवरों को दी जाने वाली इस वीजा को कांग्रेस में बने कानून की सीमा से बाहर रखा गया है. इस वीजा का प्रयोग ज्यादातर उच्च शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थान या वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान करते हैं.
एच-1-बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष व्यवसायों के लिए विदेशी कर्मचारियों को रखने की अनुमति मिलती है जिसमें विशेष क्षेत्रों में सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. इन तकनीकी कपंनियों को हर साल ऐसे हजारों कर्मचारियों की भर्ती के लिए इस वीजा पर निर्भर रहना पड़ता है.
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपने प्रचार में ट्रंप ने एच-1बी और एल-1 वीजा कार्यक्रमों पर निगरानी बढाने का वादा किया था. उन्होंने अप्रैल में वीजा दुरुपयोग रोकने के कार्यक्रम के नियमों कोकड़े करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया था.
ट्रंप ने कहा था कि उनका प्रशासन अमेरिकी लोगों को ही नौकरी पर रखने के मकसद से ‘हायर अमेरिकन ‘ नियम लागू करने जा रहा है. यह अमेरिका में कामगारों के वेतन और नौकरी के हितों की सुरक्षा करेगा. एक सरकारी बयान में कल कहा गया, ‘ ‘अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) तत्काल प्रभाव से कुछ कैप-छूट वाली एच -1 बी की याचिकाओं के लिए प्रीमियम प्रक्रियाओं को फिर सेशुरू कर देगा. ‘ ‘ एच-1बी वीजा के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 60,000 वीजा जारी हो सकते हैं.