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इमरजेंसी पर फ़िल्म से कांग्रेस पार्टी की इमेज को नुकसान

इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर बनी मधुर भंडारकर की फ़िल्म ‘इंदु सरकार’ का ट्रेलर आने के बाद मधुर भंडारकर को लीगल नोटिस मिल रहे हैं. इसमें एक लीगल नोटिस है संजय गाँधी की बेटी प्रिया पॉल की भी है. भारत में लोग जल्दी नाराज़ हो जाते है: सोहा ‘दर्शकों पर छोड़ दीजिए कि उन्हें क्या देखना […]

इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर बनी मधुर भंडारकर की फ़िल्म ‘इंदु सरकार’ का ट्रेलर आने के बाद मधुर भंडारकर को लीगल नोटिस मिल रहे हैं.

इसमें एक लीगल नोटिस है संजय गाँधी की बेटी प्रिया पॉल की भी है.

भारत में लोग जल्दी नाराज़ हो जाते है: सोहा

‘दर्शकों पर छोड़ दीजिए कि उन्हें क्या देखना है’

बीबीसी से रूबरू हुए मधुर भंडारकर ने माना कि उन्हें फ़िल्म ‘इंदु सरकार’ के लिए दिल्ली से फ़ोन आ रहे हैं और दबाव डाला जा रहा है कि फ़िल्म को नरम किया जाए और उसके पात्रों के नाम बदले जाए.

उन्होंने कहा, "मुझपर नाम बदलने पर दबाव डाला जा रहा है. लीगल नोटिस से मुझे धमकाया जा रहा है. मेरे पीछे हाथ धो कर पड़ गए है कि नाम बदलों कल हमारी सरकार आएगी ऐसा बोला जा रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि दिक्कत कहा है? मेरी फ़िल्म डॉक्यूमेंट्री या बायोपिक नहीं है, ये काल्पनिक कहानी है. पहले डॉक्यूमेंट्री बनाने वालों या किताब लिखने वालों को कहो."

मधुर भंडारकर को कई कांग्रेसी नेताओं की ओर से लीगल नोटिस मिले हैं.

मधुर ने बताया,"संजय गाँधी की किसी बेटी प्रिया पॉल से मुझे चार पेज का नोटिस आया है कि उन्हें फ़िल्म दिखाएँ. जगदीश टाइटलर का पत्र आया है कि उन्हें सकारात्मक रौशनी में दिखाया जाए."

नोटिसों से परेशान मधुर भंडारकर का कहना है कि वो सबको फ़िल्म क्यों दिखाए.

वो आगे कहते हैं,"सीबीएफ़सी किस काम के लिए है? अगर सीबीएफ़सी कुछ काटने के लिए कहती है तो मैं देखूंगा फिर मुझे लगा तो काटूंगा या आगे जाऊंगा. दिल्ली से फ़ोन कर दबाव बनाया जा रहा है, पर मैं भी पारिवारिक इंसान हूँ इस मसले को ख़त्म करने के लिए कर भी दूंगा. मुझे फ़िल्में बनानी हैं और राजनीति में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है. वैसे भी फ़िल्म के रिलीज़ के दौरान फ़िल्मकार की करो या मारो वाली स्थति होती है."

मधुर ने साफ़ किया कि उनका झुकाव किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ नहीं है और ‘इंदु सरकार’ फ़िल्म कोई प्रौपेगैंडा फ़िल्म नहीं है, बल्कि उनके दोस्त कई अलग-अलग राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए है जिसमें शामिल हैं कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी, शिवसेना और कम्युनिस्ट पार्टी.

मौजूदा कांग्रेस पार्टी की इमेज के लिए क्या ‘इंदु सरकार’ फ़िल्म कुछ असर डालेगी?

इसपर मधुर ने कहा,"मैंने मनगढत कुछ नहीं दिखाया है. इमरजेंसी के बारे में जो किताबों में लिखा है और दूरदर्शन की डॉक्यूमेंट्री में है और जो बताया गया है वही है पर फ़िल्म का प्रभाव अधिक होता है."

उन्होंने बताया कि उनका राजनीति में चार-पांच साल तक जाने का फ़िलहाल कोई इरादा नहीं है. वो अपने आप को देशभक्त मानते हैं.

उनके मुताबिक कांग्रेस में सबसे बेहतरीन भाषण देने वाले नेता ज्योतिरादिया सिंधिया है जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी का बहुत अच्छा ज्ञान है. वही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम के भी प्रशंसक हैं.

मधुर भंडारकर निर्देशित "इंदु सरकार" में कीर्ति कुल्हाड़ी, नील नितिन मुकेश, अनुपम खेर अहम् भूमिका में है.

फ़िल्म में नील नितिन मुकेश संजय गाँधी का किरदार निभा रहे हैं तो सुप्रिया विनोद इंदिरा गाँधी के किरदार में दिखेंगी. फ़िल्म 28 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है.

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