वारसॉ : रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के साथ महत्वपूर्ण बैठक से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के लिए मॉस्को पर टिप्पणी नहीं की. इतना ही नहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या बंद कमरे में होने वाली नेताओं की बैठक के दौरान वह इस मुद्दे को उठाएंगे, उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.
राष्ट्रपति चुनाव में रुसी हस्तक्षेप पर ट्रंप ने कहा कि ‘किसी को सच्चाई नहीं मालूम’. वारसॉ में हजारों लोगों की भीड़ द्वारा ट्रंप-ट्रंप के नारे के बीच अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि वह पोलैंड और अन्य पूर्वी तथा मध्य यूरोपीय राष्ट्रों सहित दुनिया भर में चिंता की स्थिति उत्पन्न करने वाले रुसी व्यवहार को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं.
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पोलैंड के करासिन्स्की चौक से उन्होंने कहा, ‘ ‘हम रुस से अनुरोध करते हैं कि वह उक्रेन और अन्य स्थानों पर अस्थरिता पैदा करने वाली अपनी गतिविधियां बंद करे, सीरिया और ईरान सहित अन्य विद्रोही शासनों को समर्थन देना बंद करे. वह साझा दुश्मन के खिलाफ हमारी लड़ाई और सभ्यता की रक्षा के लिए जिम्मेदार राष्ट्रों के समुदाय में शामिल हो.’ ‘ उसके बाद ट्रंप हैम्बर्ग रवाना हो गये. आशंका है कि शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन के विरोध में करीब 1,00,000 प्रदर्शनकारी जुटने वाले हैं. दो दिवसीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर जर्मन पुलिस ने पानी की बौछारों और मिर्च के स्प्रे का प्रयोग किया था. प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने पुलिस पर बोतलें और पत्थर फेंके थे.
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रुस की आलोचना करने के दौरान ट्रंप ने पिछले वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के हस्तक्षेप पर कुछ नहीं बोला. अमेरिका की कई खुफिया एजेंसियों ने यह निष्कर्ष दिया है कि ट्रंप को लाभ पहुंचाने के लिए रुस ने राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप दिया था. प्रतिरोधों से उबरने के लिए पोलैंड की तारीफ करते हुए, संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने चुनाव वाले मामले को लेकर फिर से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की साख पर सवाल उठाया और कहा कि चुनाव में हस्तक्षेप करने वाला रुस सिर्फ एकमात्र देश नहीं है.