इस मस्जिद का नाम तुर्क शासक नूर अल-दिन महमूद ज़ांगी के नाम पर रखा गया था. नूर अल-दीन महमूद ज़ांगी मूसल और अलेपो शहर के शासक थे. उन्होंने ईसाइयत के ख़िलाफ़ मुसलमानों को एक कर जिहाद के लिए लामबंद किया था. नूर ने इस मस्जिद को बनाने की घोषणा अपनी मौत से दो साल पहले की थी.
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