अस्ताना: अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पालित आैर पोषित करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शंघार्इ सहयोग संगठन (एससीआे) के सालाना शिखर सम्मेलन में शांति आैर मित्रता की. एससीओ का सदस्य बनने पर उन्होंने भारत को बधाई देते हुए कहा कि नेताओं को भविष्य की पीढ़ियों को ‘शांति एवं मित्रता’ की विरासत, न कि संघर्ष और बैर का ‘जहरीला नतीजा’ सौंपना चाहिए. भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी एससीओ में पूर्ण सदस्य के तौर पर प्रवेश मिला है.
इस खबर को भी पढ़ेंः रिश्तों की कड़वाहट के बीच पीएम मोदी ने की नवाज शरीफ से मुलाकात, पूछा- अब कैसी है मां…?
कजाखिस्तान की राजधानी में एससीओ के सालाना शिखर सम्मेलन में शरीफ ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के उस प्रस्ताव का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने एससीओ सदस्यों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंध के लिए पांच साल की एक संधि की बात कही है. शरीफ ने पाकिस्तान का पुरजोर समर्थन करने और उसे एससीओ में शामिल होने में सक्षम बनाने के लिए संगठन के संस्थापक सदस्य देश चीन, रूस और अन्य देशों का शुक्रिया अदा किया.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि नेताओं के तौर पर हमें अपनी भविष्य की पीढ़ियों के लिए शांति एवं मित्रता की विरासत छोड़नी चाहिए, न कि संघर्ष और बैर का जहरीला नतीजा. प्रतिरोध और रोकने की बातें करने की बजाय आइए हम सबके लिए जगह बनाएं.
पाकिस्तानी आधिकारिक समाचार एजेंसी एपीपी की खबर के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने भारत को बधाई दी. भारत भी एससीओ का पूर्ण सदस्य बना है. शरीफ ने कहा कि एसीओ का विस्तार एक उपयुक्त समय पर हुआ है, क्योंकि चीन की वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) परियोजना ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को तब्दील कर दिया है. ओबीओआर का हिस्सा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा जैसी मेगा परियोजनाओं से समूचे एससीओ समुदाय को फायदा होगा.