रांची: देश में चुनाव सुधार की प्रक्रिया शुरू करने तथा इसे प्रभावी तरीके से लागू करने का पहला श्रेय तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन को दिया जाता है. बेशक उन्होंने यह काम किया भी था, पर देश का पहला चुनाव संपन्न कराना भी काफी मुश्किल भरा काम था.
खास कर चुनावी प्रक्रिया का कोई तय मैकेनिज्म न होने व भारत जैसे विशाल देश की बड़ी जनसंख्या के कारण. यह काम किया था देश के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन ने. मार्च-1950 में इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया और वह दिसंबर-1958 तक अपने पद पर रहे. स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव-1952 व दूसरे आम चुनाव-1957 को संपन्न कराने का दायित्व श्री सेन को जाता है.
पहले आम चुनाव में देश भर में 21 वर्ष या अधिक उम्र वाले कुल 17 करोड़ 60 लाख वोटर थे. इनमें 85 फीसदी लोग अशिक्षित थे, जो पढ़-लिख नहीं सकते थे. इन लोगों को मतदान केंद्रों तक लाना व उनसे वैध वोट करा पाना एक चुनौती थी. श्री सेन ने अपने आइएएस साथियों के साथ चुनाव का ब्रिटिश मॉडल विकसित किया था. सुकुमार सेन वर्दवान विवि के पहले कुलपति भी थे.