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शुभेंदु का आरोप : सीएमओ ग्रीवांस सेल के लिए कंपनी चयन में 152 करोड़ का भ्रष्टाचार,पसंदीदा कंपनी को मिला ठेका

ईमेल के जरिये राज्यपाल सीवी आनंद बोस को भी इस मामले की जानकारी दी गई है. शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आईटी विभाग को एक टेंडर जारी किया गया था, जिसमें कई कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में भाग ले रही थीं.

पश्चिम बंगाल के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक और आरोप लगाया. विधानसभा परिसर में प्रेसवार्ता में भाजपा विधायक ने यह आरोप लगाया कि सीएमओ ग्रीवांस सेल में मुख्यमंत्री व उनके सांसद भतीजे की पसंदीदा कंपनी को कॉल सेंटर का ठेका दिया गया है. निविदा प्रक्रिया में काफी धांधली हुई है. मुख्यमंत्री के अधीनस्थ गृह व पर्वतीय मामलों के विभाग के ग्रीवांस सेल में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के नाम पर 152 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. श्री अधिकारी ने कहा कि सीएमओ के ग्रीवांस सेल के लिए राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की अधीनस्थ संस्था वेस्ट बंगाल इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आधारभूत सुविधाओं के विकास व कॉल सेंटर तैयार करने के लिए निविदा आमंत्रित की थी.

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भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है और टेंडर दस्तावेजों को बदला गया है. यह दस्तावेज IT के पास था जिसे मुख्यमंत्री ने खुद के गृह विभाग को भेजा . यह टेंडर मख्यमंत्री शिकायत सेल का टेंडर था.पहले टेंडर 120 करोड़ रुपये का था अब उन्होंने इसे अपनी पसंदीदा कंपनी को 150 करोड़ रुपए में दिया गया.

राज्यपाल को मामले की जानकारी देने के साथ ही जांच की मांग की गई है : शुभेंदु

देशभर से कई संस्थाओं ने टेंडर भरा था. निविदा प्रक्रिया के बाद दिल्ली की एक संस्था को कार्यभार सौंपने पर सहमति बनी थी. राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली की उक्त कंपनी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की और ठेका देने की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी. लेकिन बीच में ही प्रक्रिया रोक दी गयी. इसके बाद पुराने निविदा को रद्द करते हुए डब्ल्यूटीएल ने नयी शर्तों के साथ नयी निविदा जारी की. इस बार पसंदीदा कंपनी को ठेका दिया गया. शुभेंदु ने आरोप लगाया कि इस प्रकरण में कुल 152 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, जो राज्य के गृह विभाग से संबंधित है. उन्होंने मामले की जांच करने की मांग की है. श्री अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस घटना के बारे में राज्यपाल को भी अवगत कराया है और उनसे भी मामले की जांच कराने की मांग की है.

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विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि राज्य के गृह विभाग के ग्रीवांस सेल में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के नाम पर करीब 152 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इधर, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसे आधारहीन करार दिया है. पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने भाजपा नेता के आरोप को आधारहीन करार देते हुए कहा कि वह मनगढ़ंत व झूठा दावा कर रहे हैं. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि तृणमूल सरकार ने राज्य के लोगों की शिकायतों को सुनने व उसके निबटारे की व्यवस्था की है. सरकार द्वारा तैयार किये गये पोर्टल के माध्यम से अभी तक करीब 22 लाख शिकायतों का समाधान किया जाना संभव हो पाया है.

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इसके बाद ज्यादा से ज्यादा राज्यवासियों की शिकायतों का पता लगाने व उससे समाधान के लिए एक पूर्णांग कॉल सेंटर तैयार करने का फैसला लिया गया. इसके लिए दक्ष और प्रोफेशनल एजेंसी की नियुक्ति के लिए ई-टेंडर जारी किया गया. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 152.47 करोड़ रुपये है. ई-टेंडर में 11 संस्थानों ने हिस्सा लिया और लो बिड वाले संस्थान को टेंडर दी गयी. श्री घोष ने कहा कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी आम लोगों को भ्रमित और गुमराह करना चाहते हैं, जबकि राज्य सरकार के किसी भी कार्य में कोई खामी नहीं है.

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इधर, उन्होंने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी खुद ही भ्रष्टाचार के मामलों से घिरे हैं. उन्होंने सारधा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन द्वारा अदालत को सौंपी गयी उस चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें कथित तौर उनकी ओर से आरोप लगाया गया है कि चिटफंड कंपनी से लाभान्वित वह भी हुए हैं. ऐसे में उक्त पत्र की भी जांच होनी चाहिए. तृणमूल नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में शुभेंदु अधिकारी को भी लाने की मांग की है.

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