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49 दिनों से हड़ताल पर हैं झारखंड के राजस्व कर्मचारी, नहीं बन रहे इनकम सहित अन्य सर्टिफिकेट

पांच सूत्री मांग को लेकर झारखंड के राजस्व कर्मचारी 16 सितंबर, 2022 से हड़ताल पर हैं. इसके कारण राजस्व विभाग से जुड़े सभी कार्य ठप हैं. खासकर स्कूली बच्चों का जाति, आय एवं आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बनने से उन्हें परेशानी हो रही है. वहीं, म्यूटेशन से लेकर जमीन रजिस्ट्री के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

Prabhat Khabar Special: झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ (Jharkhand State Revenue Sub Inspector Association) गत 16 सितंबर, 20222 से हड़ताल पर है. इसके कारण जिला में एक ओर जहां आय (Income), जाति (Caste) और आवासीय प्रमाण पत्र (Residential Certificate) बनाने के लिए स्टूडेंट्स के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के लाभुक कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, वहीं बड़े पैमाने पर जमीन का म्यूटेशन से लेकर रजिस्ट्री (Mutation to Registry) का कार्य भी प्रभावित हुआ है. विभिन्न संस्थानों में दाखिला से लेकर विभिन्न योजनाओं का लाभ के लिए आय, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न करने के प्रावधान है. लेकिन, इन प्रमाण पत्रों के नहीं बनने से स्टूडेंट्स परेशान हैं.

सरकार आपके द्वार कार्यक्रमों में सबसे अधिक जमीन संबंधी मामले आ रहे

हाल के दिनों में समाज कल्याण, स्वास्थ्य और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से रिक्तियां निकाली गयी है. इसके लिए अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन भी जमा किया है. लेकिन, प्रमाण पत्र देने में कई अभ्यर्थी असफल रहे. जिले में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार शिविरों में भी सबसे ज्यादा प्रभाव जमीन संबंधी मामलों के निबटारा पर पड़ा है. इसके अलावा वृद्धा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन, केसीसी और किसान सम्मान योजना के लाभुकों को भी परेशानी हो रही है. लोग आवेदन तो दे रहे हैं, लेकिन उसका निष्पादन नहीं हो पा रहा है.

हड़ताल पर रहने के कारण कई मामले लंबित

शिविरों में कुल 2,03,534 आवेदन विभिन्न विभागों की योजनाओं के लिए प्राप्त किया गया है. इनमें से 1,54,219 मामलों का निबटारा किया जा चुका है. राजस्व उपनिरीक्षकों (Revenue Sub Inspectors) के हड़ताल में होने के कारण जिला में विधवा पेंशन के 232, आवासीय प्रमाण पत्र के 126, वृद्धा पेंशन के 1790 और जमीन म्यूटेशन के 691 मामले लंबित हैं.

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नहीं हो पा रही है कई लोगों की जमीन रजिस्ट्री

जमीन की रजिस्ट्री में चेक स्लिप के साथ-साथ अद्यतन लगान रशीद की भी मांग होती है. लेकिन, जिन लोगों को जमीन की खरीद-बिक्री करनी है, वह राजस्व उप निरीक्षक के हड़ताल के कारण चेक स्लिप या अद्यतन रशीद देने में असमर्थ हैं. फलस्वरूप ऐसे लोगों की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. बेंगाबाद निवासी योगेश्वर मंडल का कहना है कि उनका रशीद नहीं कट रहा है. बेटी की शादी के लिए वे जमीन बेचना चाह रहे हैं, पर जमीन की बिक्री करने में वह असमर्थ हैं. 

प्रतिबंधित सूची से बाहर नहीं हो पा रही है जमीन

गिरिडीह जिला में लगभग नौ लाख से भी ज्यादा रैयतों की जमीन प्रतिबंधित सूची में डाली गयी है. इसमें प्रतिबंधित सूची से जमीन निकालने के लिए सशर्त निर्देश डीसी को दिया गया है. लेकिन, प्रतिबंधित सूची से निकालने के पूर्व विधि विभाग से जमीन संबंधी रिपोर्ट मांगी जाती है. कर्मचारियों के हड़ताल के कारण जमीन संबंधी रिपोर्ट विधि विभाग को मिल नहीं पा रही है. फलस्वरूप काफी संख्या में आवेदन लंबित हो रहे हैं. इस मामले में गिरिडीह की श्वेता प्रियदर्शी का कहना है कि उन्होंने एक माह पूर्व ही आवेदन दिया था, लेकिन राजस्व उप निरीक्षक के हड़ताल पर रहने के कारण प्रतिबंधित सूची से उनका जमीन नहीं निकाला गया है. ऐसे में वे जमीन की रजिस्ट्री नहीं कर पा रही है.

जमीन मापी का कार्य भी लटका

कई विवादित मामले में जमीन मापी के लिए लाभुकों ने आवेदन किया है. ऑनलाइन आवेदन के बाद जमीन मापी के लिए आवेदन कर्मचारी के आईडी पर चला जाता है. कर्मचारी के आईडी से अनुशंसा के बाद ही सीओ के स्तर पर मापी की स्वीकृति दी जाती है और फिर अमीन की प्रतिनियुक्ति होती है. यह सारी प्रक्रिया हड़ताल के कारण प्रभावित हो रहा है. फलस्वरूप विवाद के मामले में बढ़ते जा रहे हैं.

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म्यूटेशन के लंबित मामले बढ़कर 6162 हुए

जिले में जमीन का म्यूटेशन का कार्य भी काफी प्रभावित हुआ है. फलस्वरूप कई रैयत बैंक से लोन लेने के साथ-साथ जमीन की खरीद-बिक्री भी नहीं कर पा रहे हैं. जिले में ऑनलाइन होने के बाद कुल 89894 लोगों ने म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया था. इसमें से 37781 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं, जबकि 45951 आवेदन अस्वीकृत हो चुके हैं. इसमें से 6162 लोगों का आवेदन अब भी लंबित है. 2160 आवेदन ऐसे हैं जिनके आवेदन पर बिना कारण के ही 30 दिनों से म्यूटेशन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिये जा सके हैं. बेंगाबाद की सुमा देवी का कहना है कि उन्होंने जमीन म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया, पर राजस्व उप निरीक्षकों के हड़ताल के कारण उनका म्यूटेशन नहीं हो सका है. सविता देवी का कहना है कि म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन किये हैं, पर आवेदन कर्मचारी के आईडी पर रुका हुआ है और म्यूटेशन नहीं हो पा रहा है.

केस स्टडी-एक

देवरी अंचल कार्यालय में जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटक रहे पुरनीगड़िया गांव के निवासी कुंदन कुमार का कहना है कि पिछले 15 दिनों से वे अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. अपने भाई और बहन का कॉलेज में दाखिला लेने के लिए उन्हें जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र देना है. लेकिन, राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल के कारण ये तीनों प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है. ऐसे में उनके भाई और बहन दोनों का ही कॉलेज में दाखिला नहीं हो पा रहा है.

केस स्टडी-दो

लोका गांव निवासी किसान रामदेव यादव ने बताया कि जमीन का दस्तावेज ऑनलाइन कराने के लिए वे भटक रहे हैं. लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं है. कार्यालय के बाबूओं का कहना है कि कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद ही जमीन दस्तावेज को ऑनलाइन किया जा सकता है. वहीं, गिरिडीह अंचल के सिहोडीह के सूरज कुमार राय का कहना है कि उन्हें पंजी टू की सर्टिफाइड कॉपी चाहिए. आवेदन भी दिया है, पर उन्हें सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल रही है.

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केस स्टडी-तीन

गांडेय प्रखंड के बड़की टांड निवासी अनवर अंसारी ने बताया कि गांव में सार्वजनिक इमामबाड़ा की जमीन के अतिक्रमण की शिकायत अंचल कार्यालय में की गयी है. लेकिन, राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल के कारण जमीन की मापी व अतिक्रमण हटाये जाने का कार्य लंबित है. प्रखंड के गिरनियां निवासी मो आलम ने बताया कि उन्होंने एक माह पूर्व म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया है लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल के कारण कार्य अधर में है.

सरकार आपके द्वार में वैकल्पिक व्यवस्था : एसी

जिले के एडिशनल कलक्टर विल्शन भेंगरा ने कहा कि जमीन संबंधी मामलों के निष्पादन में असर पड़ा है. इसके अलावे भी अंचलों में आय, आवासीय और जाति प्रमाण पत्र निर्गत होने में परेशानी हुई है, लेकिन कई अंचलों में वैसे कर्मचारियों को लगाया गया है जो हड़ताल पर नहीं है. उन्होंने बताया कि आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लगाये गये शिविरों में वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है ताकि ज्यादा से ज्यादा आवेदनों का निष्पादन किया जा सके.

हड़ताल शत-प्रतिशत सफल : संघ

झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ के अध्यक्ष अमरकिशोर प्रसाद का कहना है कि राजस्व उप निरीक्षकों का हड़ताल शत प्रतिशत सफल है. गत 16 सितंबर से यह हड़ताल जारी है. उन्होंने कहा कि आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, पेंशन की योजना, जमीन का म्यूटेशन, एलपीसी, किसान सम्मान योजना, केसीसी समेत कई योजनाएं प्रभावित हुई है.

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गोदर : स्कूली बच्चों को उठाना पड़ रहा नुकसान

पांच सूत्री मांग को लेकर झारखंड के राजस्व कर्मचारी 16 सितंबर 2022 से हड़ताल पर हैं. इसके कारण राजस्व विभाग से जुड़े सभी कार्य ठप हैं. स्कूली बच्चों का जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बनने से उन्हें परेशानी हो रही है. किसानों के साथ अंचल का कार्य पूर्ण रूप से बाधित है. साथ ही सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस संबंध में बगोदर अंचल के अंचल प्रधान संत कुमार दास ने बताया कि राज्य के राजस्व कर्मचारी पांच सूत्री मांग को लेकर  हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों की मांग है ग्रेडिंग में सुधार, काम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, मोबाइल खर्च, प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण कर्मचारी को प्रोन्नति तथा खाली पद पर तत्काल नियुक्ति शामिल है. इससे अंचल कार्यालय से जुड़े कार्यों को समय सीमा में पूरा किया जा सकेगी. बगोदर प्रखंड में 22 पंचायत है. इन पंचायतों में पांच हल्का कर्मचारी नियुक्त हैं. इनमें प्रमोद पासवान सीआइ के पद पर पदस्थापित हैं. वहीं, अन्य कर्मी सुजीत पांडेय, अशोक कुमार, माइक्रॉन कश्यप व आलोक आनंद ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कार्य प्रभावित है. कर्मचारियों की कमी है. जानकारी के अनुसार बगोदर अंचल कार्यालय में एक प्रधान व सहायक के तीन पद हैं.

रिपोर्ट : गिरिडीह से राकेश सिन्हा और बगोदर से रामानंद सिंह.

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