नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए प्रस्तावित ‘गगनयान’ मिशन में तीन क्रू सदस्य होंगे जो पांच-सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे. इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में घोषणा की थी कि भारत 2022 तक अंतरिक्ष में एक भारतीय अंतरिक्षयात्री को भेजेगा.
अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में इंसान को भेजने वाला चौथा देश होगा. सिवन ने बताया कि मिशन की शुरुआत के बाद यह 16 मिनट में कक्षा में पहुंचेगा. पृथ्वी पर लौटते वक्त क्रू गुजरात तट के पास अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में उतर सकता है या जमीन पर भी उतर सकता है. प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सिवन ने कहा कि भारत द्वारा अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने से छह महीने पहले इस मिशन को मूर्त रूप दिया जा सकता है.
इसे जीएसएलवी मैक-3 प्रक्षेपण यान की मदद से अंजाम दिया जायेगा. पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष में भेजे गये अन्य मानव मिशनों की तुलना में यह बहुत किफायती होगा. क्रू का चयन भारतीय वायुसेना और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा. इसके बाद उन्हें दो-तीन साल तक प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस बाबत इसरो अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके पहले भारतीय राकेश शर्मा की भी सलाह लेगा. शर्मा ने अप्रैल 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी. वह सोयूज टी-11 में सवार होकर अंतरिक्ष में गये थे.