35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

CoVID-19 से बचाव के बहाने आपकी निजता तार-तार कर रहे ज्यादातर ऐप्स : Research

coronavirus, covid 19, data privacy, contact tracing apps: कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने वाले अधिकतर मोबाइल ऐप की पहुंच उपयोगकर्ता की निजी सूचनाओं तक रहती है लेकिन इनमें से बस कुछ ही ऐप इंगित करते हैं कि डेटा अनाम, गोपनीय और सुरक्षित रहेगा. अमेरिका में भारतीय मूल के अध्ययनकर्ताओं के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है .

Coronavirus, Covid 19, Data Privacy, Contact Tracing Apps: कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने वाले अधिकतर मोबाइल ऐप की पहुंच उपयोगकर्ता की निजी सूचनाओं तक रहती है लेकिन इनमें से बस कुछ ही ऐप इंगित करते हैं कि डेटा अनाम, गोपनीय और सुरक्षित रहेगा. अमेरिका में भारतीय मूल के अध्ययनकर्ताओं के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है .

इलिनोइस विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मसूदा बशीर और शोधार्थी तनुश्री शर्मा ने उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा तक पहुंच और उनकी निजता की सुरक्षा को ले कर गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध कोविड-19 से जुड़े 50 ऐप का विश्लेषण किया .

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह तथ्य परेशान करने वाला है कि ऐसे ऐप उपयोगकर्ता के अत्यधिक संवेदनशील, निजी पहचान, स्वास्थ्य के बारे में, स्थान और नाम, उम्र, ई-मेल, मतदाता पहचान पत्र आदि के बारे में निरंतर सूचनाएं जुटाते रहते हैं.

Also Read: Aarogya Setu App दुनिया के Top 10 Downloaded 10 मोबाइल ऐप्स में शामिल

जर्नल ‘नेचर मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लिखा है कि ‘सरकारें’ निगरानी करने की तकनीक का इस्तेमाल करती हैं और यह भी देखना होगा कि महामारी के बाद इनका इस्तेमाल कैसे किया जाता है.

उन्होंने कहा, उल्लेखनीय है कि ऐप के जरिये निगरानी से सरकारों को लोगों के आवाजाही के मार्ग और उनके समूचे सोशल नेटवर्क की पहचान का मौका मिल जाता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर में विकसित, कोविड-19 ऐप महामारी क्षेत्र का नक्शा, संक्रमित मामलों के अपडेट, संक्रमित व्यक्ति के पास जाने पर अलर्ट देते हैं.

इसके अलावा पृथक-वास में रहने के लिए निगरानी की व्यवस्था, लक्षणों के बारे में सीधे सरकारों को सूचना मुहैया करायी जाती है. बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाता है. उन्होंने कहा है कि कुछ ऐप महत्वपूर्ण संकेतों, चिकित्सा संबंधी परामर्श और सामुदायिक स्तर पर संपर्क का पता लगाने का भी काम करते हैं.

Also Read: Aarogya Setu App हुआ ओपन सोर्स, खामी निकालने वाले को मिलेगा 1 लाख रुपये का इनाम

शोधकर्ताओं ने जिन 50 ऐप का विश्लेषण किया, उसमें पाया गया कि 30 ऐप ने उपयोगकर्ताओं से संपर्क, फोटो, मीडिया, फाइल लोकेशन डेटा और कैमरा तक पहुंच की अनुमति मांगी.

अध्ययन के मुताबिक, इन 30 ऐप में उपकरण की आईडी, कॉल से जुड़ी सूचना, वाई-फाई कनेक्शन, माइक्रोफोन, नेटवर्क तक पहुंच, गूगल सर्विस कॉन्फिगरेशन आदि तक पहुंच की अनुमति मांगी गयी.

कुछ ऐप ने उपयोगकर्ता के ई-मेल पता, उम्र, फोन नंबर और डाक पता की जानकारी मांगी. उपकरण का स्थान, विशिष्ट पहचान, मोबाइल आईपी एड्रेस और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ही किस तरह के ब्राउज का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी भी जानकारी मांगी गयी.

Also Read: How To Install Aarogya Setu App: जानिए कैसे आपको कोरोना से अलर्ट करता है आरोग्य सेतु ऐप

केवल 16 ऐप ने संकेत दिया कि डेटा गुमनाम, गोपनीय और सुरक्षित रहेगा. अध्ययन में जिन ऐप को शामिल किया गया, उनमें 20 ऐप को सरकारों, स्वास्थ्य मंत्रालयों और इस तरह के अन्य आधिकारिक स्रोतों से जारी किया गया. उन्होंने जर्नल में लिखा है, स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने वालों को जिंदगी बचाने और संक्रमण को रोकने के लिए ही इन डेटा का इस्तेमाल करना चाहिए.

बहरहाल, शोधकर्ताओं ने कहा कि बाकी चीजों को छोड़ दें तो सूचना, निजता और सुरक्षा के क्षेत्र में जो काम करते हैं उन्हें निजता के बारे में सवाल उठाने होंगे.

Posted By – Rajeev Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें