Smartphone Users Alert: अगर आपने भी पिछले साल, यानी 2021 में कोई एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीदा है, तो सतर्क हो जाइए. दरअसल, चेक प्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, 2021 में बिके कुल एंड्रॉयड फोन्स में से दो-तिहाई फोन ने यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में डाल दी. चेक प्वाइंट ने एएलएसी ऑडियो कोडिंग फॉर्मैट में वल्नरेबिलिटीज खोजीं, जिससे अटैकर को मीडिया, ऑडियो बातचीत का ऐक्सेस मिल सकता है. चेक प्वाइंट की मानें, तो मोबाइल चिपसेट के 2 सबसे बड़े निर्माताओं (क्वालकॉम-मीडियाटेक) ने एएलएसी का इस्तेमाल किया.
करोड़ों यूजर्स हैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं
चेक प्वाइंट साइबर रिसर्च टीम ने पता लगाया है कि मीडियाटेक और क्वालकॉम के चिपसेट के कोड एक्जीक्यूशन में कुछ खामी है, जिसकी वजह से साइबर अटैकर्स को स्मार्टफोन के कैमरे और माइक्रोफोन का ऐक्सेस मिल सकता है. इस समय ज्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन इन दो कंपनियों के प्रॉसेसर के साथ आते हैं, जिसकी वजह से करोड़ों यूजर्स हैकर्स के निशाने पर आ सकते हैं. हालांकि, रिसर्च टीम ने दोनों चिपसेट कंपनियों को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है ताकि इस खामी को फिक्स किया जा सके.
क्वॉलकॉम और मीडियाटेक में कमियों का एक पूरा सेट ढूंढा
चेक प्वाइंट साइबर के रिसर्चर स्लावा मकावीव ने इस मामले पर एक प्रेस रिलीज की और उसके जरिये बताया कि, हमने आजकल के स्मार्टफोन में यूज होने वाले इन दोनों मेन चिपसेट क्वॉलकॉम और मीडियाटेक में कुछ कमियों का एक पूरा सेट ढूंढा है, जिसका उपयोग दुनियाभर के दो-तिहाई मोबाइल डिवाइस के यूजर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.
एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स ज्यादा वल्नरेबल
एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स की सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्ट्स समय-समय पर सामने आती रहती हैं. इसके बाद भी दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स ही यूज करते हैं. भले ही ऐपल के आईफोन्स सबसे सुरक्षित माने जाते हैं और उनमें हैकिंग का खतरा न के बराबर होता है, लेकिन ये महंगे इतने होते हैं कि अब भी ये दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी की पहुंच से दूर हैं.