हमलोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.राज्य सरकार हमपर बांग्लाला भाषा थोपकर नेपाली भाषा पर अतिक्रमण करना चाह रही है. भाषा हमारी मां है. अपनी मातृभाषा के लिए हमलोग जान कुर्बान करने को भी तैयार हैं. उन्होंने राज्य सरकार से अपनी जान को भी खतरा बताया. उन्होंने कहा कि उनको जान से मारने की साजिश रची जा रही है. लेकिन वह किशनजी नहीं हैं जो आसानी से मर जाए. पहाड़ पर सभी लोग अपनी भाषा के लिए लड़ाइ कर रहे हैं. सरकार आंदोलन को कुचलना चाहती है.
मोरचा नेताओं को छाड़ दें,शिक्षकों और साहित्यकारों के खिलाफ भी पुलिस केस दर्ज कर रही है. हमारे उपर या हमारे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस केस करे तो कोई आपत्ति नहीं है. इसाई धर्मगुरू फादर,हमारे वरिष्ठ साहित्यकार,चित्रकार और शिक्षकों पर झूठा मामला दर्ज करना बरदाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा 4 जून सुबह साढे़ 10 बजे से विरोध रैली निकलेगी. इस रैली के द्वारा वह सरकार को कड़ संदेश देना चाहते हैं. पुलिस अगर आंदोलन को दबाने की कोशिश करेगी तो उसका विरोध किया जायेगा. यदि पुलिस कार्यवाही से यहां का माहौल खराब होता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. उन्होंने यहां के होटल वालों को भी कहा कि यदि रैली के दौरान पुलिस कोई कार्यवाइ करती है तो आधे घंटे के अंदर होटलों से पर्यटकों को वापस भेज देना होगा. श्री गुरूंग ने कहा राज्य सरकार उनपर चाहे जितना मामला दर्ज कर ले,उन्हें चिंता नहीं है. लेकिन वह जेल जाने से अच्छा जंगल जाना पसंद करेंगे.